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शराब के खिलाफ अिभयान

कार्रवाई. आबकारी व जीआरपी ने की 466 छापेमारियां दर्ज किये गये 67 मामले, एक फौजी और एक रेलवे कर्मी समेत 34 लोगों को गिरफ्तार कर भेजा गया जेल छोटी-बड़ी 68 बोतलें अंगरेजी और 68 लीटर देसी दारू हुआ जब्त 390 किलो जावा महुआ और 1039 लीटर ताड़ी की हुई बरामदगी शराब कारोबार से जुड़े करीब […]

कार्रवाई. आबकारी व जीआरपी ने की 466 छापेमारियां

दर्ज किये गये 67 मामले, एक फौजी और एक रेलवे कर्मी समेत 34 लोगों को गिरफ्तार कर भेजा गया जेल
छोटी-बड़ी 68 बोतलें अंगरेजी और 68 लीटर देसी दारू हुआ जब्त
390 किलो जावा महुआ और 1039 लीटर ताड़ी की हुई बरामदगी
शराब कारोबार से जुड़े करीब 500 लोग कर रहें रोजगार की तलाश
जहानाबाद : राज्य सरकार के द्वारा पांच अप्रैल से लागू किये गये पूर्णत: शराबबंदी कानून का सख्ती से पालन करते हुए जिले में प्रशासनिक अभियान और तेज कर दिया है. आबकारी विभाग, पुलिस प्रशासन और रेल पुलिस के द्वारा अभियान में तेजी लायी गयी है. ताबड़तोड़ छापेमारियां की जा रही है. जिसमें अधिकारियों को सफलता भी मिल रही है. शराबबंदी कानून लागू होने के बाद जिले के शहरी और ग्रामीण इलाके का माहौल काफी बदल चुका है.
एक अप्रैल के पूर्व जहां शोर-शराबा और पियक्कड़ों की भीड़ से स्थिति अप्रिय रहती थी. वहां अब पूरी तरह शांति का माहौल है. लोग सुकुन महसूस कर रहे हैं. शराबबंदी कानून लागू होने के बाद साढ़े तीन माह के भीतर प्रशासनिक अभियान में अधिकारियों को अच्छी सफलता मिली है. प्राप्त आंकड़ों के अनुसार उक्त अवधि में उत्पाद विभाग और जीआरपी ने छोटी-बड़ी अंगरेजी शराब की 68 बोतलें और विभिन्न स्थानों से 68 लीटर देशी शराब जब्त किया है.
इसके अलावा तीन क्विंटल 90 किलो जावा महुआ भी जब्त किया गया है. इसके अलावा एक हजार 39 लीटर ताड़ी की भी बरामदगी हुई है. इन प्रतिबंधित नशीली पदार्थों की जब्ती 466 छापेमारियों के दौरान हुई है. शराबबंदी के बाद राज्य मुख्यालय में खोले गये नियंत्रण कक्ष से इस जिले में शराब का कारोबार करने के सिलसिले में 60 शिकायतें जहानाबाद उत्पाद विभाग को अब तक मिली है. जिस पर कार्रवाई के दौरान अधिसंख्य सूचनाएं गलत साबित हुई है. उत्पाद विभाग के अधिकारी बताते हैं कि व्यक्तिगत झगड़ों में लोगों के द्वारा शराब का कारोबार किये जाने की सूचना दी गयी थी. जिसका सत्यापन में मामला झूठा साबित हुआ है.
आबकारी विभाग में दर्ज हुए 60 केस :अप्रैल माह से लेकर 22 जुलाई तक उत्पाद विभाग ने शराब के कारोबार से संबंधित 60 मामले दर्ज किये. इन मामलों में देशी, विदेशी शराब के अलावा ताड़ी की बिक्री किये जाने के आरोप में 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया. अभियान के दौरान एक टेंपो और एक मोटरसाइकिल भी जब्त किया गया. उत्पाद विभाग ने 41 बोतल शराब की बरामदगी की. 285 किलो महुआ, 40 लीटर देशी शराब, और 1039 लीटर ताड़ी की भी बरामदगी की थी. इसके अलावा जीआरपी में सात मामले अब तक दर्ज हुए हैं. और इन मामलों में 27 बोतल अंगरेजी शराब, 140 पाउच देशी शराब एवं 105 किलो जावा महुआ की जब्ती हुई है.
ब्रेथ एनलाइजर से की जा रही नशेडियों की जांच :शराब का सेवन करने वालों को पकड़ने के लिए ब्रेथ एनलाइजर का भी सहारा लिया जा रहा है इसके लिए आबकारी विभाग के पास तीन मशीन उपलब्ध हैं. नगर थाने की पुलिस को भी एक मशीन उपलब्ध कराया गया है. जिसके माध्यम से अबतक करीब तीन हजार लोगों की जांच की गयी है. शराब के कारोबारियों को पकड़ने के लिए उत्पाद विभाग के द्वारा जिले के हुलासगंज, मई हॉल्ट और ओकरी के समीप तीन अस्थायी बैरियर लगाये गये हैं.
पकड़े जाने पर कड़ी सजा के हैं प्रावधान :शराब बेचना, पीना, या ढोकर कहीं लाना ले जाना किसी भी व्यक्ति को सीधे जेल पहुंचायेगा. क्योंकि यह अपराध है किसी दूसरे राज्य से यहां वैद्य शराब लाने रखने या उसे लेकर रास्ते से गुजरने पर संबंधित व्यक्ति पकड़े गये तो उन्हें अधिकतम दस साल और न्यूनतम पांच साल की सजा होगी. शराब का अवैध कारोबार करने पर पहले तीन साल तक कम से कम सजा का प्रावधान था. शराबबंदी के पूर्व धारा 68 में दंड शुल्क लेकर छोड़ने का प्रावधान था लेकिन अब इसकी कोई गुंजाइश नहीं है.
क्या कहते हैं कारोबारी
21 साल से शराब का कारोबार कर रहे थे इन दिनों बिल्कुल बेरोजगार है. वर्ष 1995 से शराब के धंधे में सक्रिय था. अप्रैल माह में अचानक शराबबंदी लागू होते ही पहाड़ टूट पड़ा. धंधा पूरी तरह बंद हो गया अब बेरोजगार हैं रोजगार की तलाश कर रहे हैं.
योगेंद्र कुमार, कारोबारी
जमा पूंजी से पेट पाल रहे हैं. परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं. वर्ष 1978 से शराब के धंधे से जूड़ा था अब काम की दरकार है कहीं रोजगार नहीं मिल रहा है बेरोजगारी की समस्या है.
सिद्धनाथ प्रसाद, कारोबारी
क्या कहते हैं अधिकारी
शराबबंदी कानून को और सख्त किया जायेगा. पूरे जिले में छापेमारी की जा रही है. दारोगा और सिपाही के द्वारा गश्त लगवाने के लिए चार बाइक और मोबाइल फोन उत्पाद विभाग को उपलब्ध कराने के लिए सरकार को पत्राचार किया गया है. जब्त किये गये टेंपों और बाइक को अधिग्रहण करने के लिए डीएम से पत्राचार किया गया है. उत्पाद अधिनियम की संशोधित धारा 68 के तहत जिलाधिकारी को अधिग्रहण और नीलाम करने का अधिकार है. पूरे जिले में शराब का कारोबार करने वालों के खिलाफ छापेमारी जोरों पर हैं.
विनोद झा, उत्पाद अधीक्षक

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