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Jehanabad : जनता दरबार में आये 74 मामले, एडीएम ने निष्पादन का दिया निर्देश

डीएम की अध्यक्षता में उनके कार्यालय प्रकोष्ठ में तथा अन्य पदाधिकारियों द्वारा समाहरणालय स्थित ग्राम प्लेक्स भवन में जनता दरबार का आयोजन किया गया, जिसमें सभी विभागों के पदाधिकारी उपस्थित थे.

जहानाबाद नगर

. डीएम की अध्यक्षता में उनके कार्यालय प्रकोष्ठ में तथा अन्य पदाधिकारियों द्वारा समाहरणालय स्थित ग्राम प्लेक्स भवन में जनता दरबार का आयोजन किया गया, जिसमें सभी विभागों के पदाधिकारी उपस्थित थे. इस दौरान जिले के विभिन्न प्रखंडों एवं पंचायतों से आए नागरिकों की समस्याओं को सुना गया. जनता दरबार में कुल 74 आवेदन प्राप्त हुए, जो मुख्य रूप से जनसुविधाओं से संबंधित थे. जिन मामलों का निवारण तत्काल संभव था, उन्हें वहीं उपस्थित संबंधित विभागीय पदाधिकारियों को निर्देशित कर समाधान के लिए कार्रवाई आरंभ करायी गयी. जबकि जिन मामलों की सुनवाई जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के अधीन है, उन्हें विधि अनुसार लोक शिकायत निवारण कार्यालय को भेजा गया. जनता दरबार में एडीएम सह जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी राजीव कुमार, एडीएम अनिल कुमार सिन्हा, एडीएम विभागीय जांच विनय कुमार सिंह, वरीय उप समाहर्ता राहुल कुमार, जिला भू अर्जन पदाधिकारी चंद्र किशोर, वरीय उप समाहर्ता नेहा कुमारी सहित अन्य विभागों के पदाधिकारी उपस्थित थे. जिला प्रशासन ने आश्वस्त किया कि सभी प्राप्त आवेदनों का शीघ्र, पारदर्शी एवं प्राथमिकता के आधार पर निवारण सुनिश्चित किया जायेगा. जिले के रतनी फरीदपुर प्रखंड के पंसस सदस्यों ने डीएम को आवेदन देकर वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 में षष्टम वित्त एवं पन्द्रहवीं वित्त आयोग की उपलब्ध राशि के आलोक में समानुपाती रूप से राशि वितरण नहीं करने एवं मनमानी करने की शिकायत किया है. अपने आवेदन में लिखा है कि सभी पंसस, प्रखण्ड रतनी फरीदपुर का जन प्रतिनिधि हूं. पूरे प्रखंड में पंचायत समिति सदस्यों की संख्या 19 है लेकिन प्रखंड प्रमुख की मनमानी इस कदर बढ़ी हुई है कि 15वीं वित आयोग एवं षष्टम वित्त आयोग की उपलब्ध राशि के आलोक में योजना चयन के लिए बैठक करायी जाती है, जिसमें सभी पंचायत समिति सदस्यगण अपने अपने क्षेत्रों के अनुरुप योजना बनाकर अपने अपने पैड पर लिखित मदवार योजना देते हैं लेकिन पंचायत समिति सदस्यों के द्वारा दी गयी योजनाओं को बैठक पंजी में चढ़ाया भी गया तो बैठक पंजी में बैठक के बाद मनमानी तरीके से उस पंजी में प्राथमिकता सूची बनायी जाती है. उस प्राथमिकता सूची में उसी पंचायात समिति या बिचौलियों के द्वारा अवैध रुप से पैसा लेकर योजना को बेच दी जाती है.

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