8.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

अवैध बालू की ढुलाई ने ग्रामीणों की उड़ाई नींद

बटिया थाना क्षेत्र के पश्चिमी इलाके में अवैध बालू की ढुलाई कर रहे ट्रैक्टरों ने कुसैया बरियारपुर सहित सड़क किनारे स्थित गांव के लोगों की नींद उड़ा दी है.

रात भर तेज रफ्तार चलते ट्रैक्टर से दुर्घटना की आशंका

-ट्रैक्टर की तेज आवाज रात में सोने नहीं देता, बच्चे पढ़ नहीं पाते

-चिहरा घाट, कुसैया से लेकर लालपुर बुझायत घाट तक रात भर होता है बालू का अवैध उठाव

प्रतिनिधि, सोनो

बटिया थाना क्षेत्र के पश्चिमी इलाके में अवैध बालू की ढुलाई कर रहे ट्रैक्टरों ने कुसैया बरियारपुर सहित सड़क किनारे स्थित गांव के लोगों की नींद उड़ा दी है. चिहरा, कटहराटांड़, बिन्झी, कुसैया, बरघाट, बरियारपुर व लालपुर सहित बरनार नदी के लगभग आधा दर्जन घाटों से रात भर अवैध बालू की ढुलाई कर रहे दर्जनों ट्रैक्टर के तेज शोर के कारण ग्रामीण रात भर सो नहीं पा रहे हैं. छात्र छात्राएं पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. बच्चे और बुजुर्ग की नींद पूरी नहीं होने से वे अस्वस्थ हो रहे हैं. रात में तेज रफ्तार से चलते ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर कहीं किसी घर में न घुस जाये इसका भी भय ग्रामीणों को बना रहता है. ट्रैक्टर की चपेट में आने के भय से रात में घरों से लोग बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. अवैध बालू की परिवहन में लगे ट्रैक्टरों की रफ्तार इतनी तेज रहती है कि सड़क पर भूल से कोई पैदल या दो पहिया वाहन आ जाए तो उसे भय वश सड़क से नीचे उतरना पड़ता है. ट्रैक्टर के तेज रफ्तार से उड़ने वाले धूल के कारण ग्रामीणों को सांस लेने में भी परेशानी हो रही है. इन परेशानियों को पत्रकारों से बात करते हुए ग्रामीणों ने अपनी पीड़ा बताकर प्रशासन के वरीय अधिकारियों से फौरन रात्रि में अवैध बालू ढुलाई को रोकने और बालू के अवैध कारोबार में संलिप्त माफिया व प्रशासनिक लोगों पर कार्रवाई करने की मांग किया है.

ग्रामीणों में है चिंता, भय और आक्रोश

महज दो ढाई किलोमीटर के दायरे में बटिया थाना रहते हुए पुलिस के नाक के नीचे धड़ल्ले से रात रात भर बालू के अवैध कारोबार को लेकर स्थानीय ग्रामीणों में चिंता, भय और आक्रोश है. कई ग्रामीणों का आरोप है कि बालू माफिया द्वारा स्थानीय पुलिस प्रशासन को मैनेज करके ही रात भर बालू की ढुलाई करते है. कुसैया गांव के ग्रामीण दशरथ यादव, जोधन मांझी, कुद्दूस अंसारी, कालेश्वर यादव, आबिद अंसारी, अरविंद सिंह सहित अन्य ग्रामीण बताते है कि ट्रैक्टर के शोर के कारण रात भर सो नहीं पाते है. रात में नींद पूरी नहीं होने से दिन में कार्य प्रभावित होता है. वहीं छात्र राजा कुमार, चांद राशिद कहते है कि वे रात में न तो पढ़ पाते है और न सो पाते है. होमवर्क नहीं पूरा करने पर परेशानी होती है. सुबह देर से उठने के कारण सुबह स्कूल जाने में भी विलंब हो जाता है. परेशानी के बीच बीते 29 मई को किसी ग्रामीण ने जीपीएस मैप के साथ बालू के अवैध ढुलाई का वीडियो बनाकर वायरल किया है. हालांकि इस वीडियो की पुष्टि प्रभात खबर नहीं करता है. ग्रामीण स्थानीय पुलिस की कार्रवाई पर सवालिया निशान लगाते हुए कहते है कि पुलिस की रात्रि गस्ती बस दिखावा है. यह सारा खेल सेटिंग के बल पर ही चल रहा है. बिना पुलिस संरक्षण के माफिया लगातार बालू का अवैध उठाव नहीं कर सकते है. हालांकि बटिया थानाध्यक्ष सुजाता कुमारी ने जानकारी से इंकार की है और कहा कि अगर उन्हें बालू के अवैध खनन व परिवहन की जानकारी मिलती है तो उस पर कार्रवाई अवश्य करेंगे.

कहते हैं ग्रामीण

– ट्रैक्टर की आवाज से रात भर सो नहीं पाते हैं और उसके तेज रफ्तार से दुर्घटना होने का भय बना रहता है. किसी नुकसान के भय के कारण शिकायत भी नहीं कर सकते. बालू ले जाना हो तो दिन में ले जाएं.

कालेश्वर यादव, बरियारपुर

– रात भर बालू की अवैध ढुलाई होती है. ट्रैक्टरों की गड़गड़ाहट से सोना मुश्किल हो गया है. बच्चों की पढ़ाई चौपट हो गई है. कोई सुनवाई नहीं होती है. सब पैसा पर काम हो रहा है. तेज रफ्तार ट्रैक्टर कभी भी दुर्घटना कर सकता है.

कुद्दूश अंसारी, कुसैया

– थाना से महज ढाई तीन किलोमीटर दूर नदी घाट में रात भर दर्जनों मजदूर बालू खनन में लगे रहते है और ट्रैक्टर लगातार उस बालू की ढुलाई करते है. इसके शोर से हमलोग परेशान है. नींद पूरी नहीं होती, सड़क पर आने से भी डर लगता है. पुलिस की गश्ती दिखावा है.

दशरथ यादव, कुसैया

– बालू का यह अवैध कारोबार प्रशासन की सह पर हो रहा है. काफी समय से चल रहे इस कारोबार के कारण आम लोग परेशान है. दोषी पर कार्रवाई करते हुए इस अवैध कार्य को बंद किया जाए.

अरविंद सिंह, बुझायत

– ट्रैक्टर वाले इतनी तेज़ी से चलाते हैं कि जान का खतरा बना रहता है. प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है. हमने अपनी ज़िंदगी में ऐसा खुलेआम गैरकानूनी धंधा नहीं देखा. रात 10 बजे से सुबह 7 बजे तक खुलेआम बालू लुटा जा रहा है.

जोधन मांझी, कुसैया

– रात में ट्रैक्टर की आवाज से हम लोग पढ़ नहीं पाते हैं. होमवर्क नहीं बना पाने पर स्कूल में दिक्कत होती है. स्कूल देर से पहुंचते हैं.

आबिद अंसारी, छात्र, कुसैया

– रात भर ट्रैक्टर चलने से सो नहीं पाते है. देर रात नींद लग भी जाती है तो सुबह देर से उठ पाते है जिस कारण स्कूल जाने में भी विलंब हो जाता है.

राजा कुमार, छात्र, कुसैया

– रात में जैसे ही पढ़ने बैठते है ट्रैक्टर का शोर परेशान करने लगता है. सोना भी चाहें तो उसमें भी डिस्टर्ब होता है. रात में ट्रैक्टर चलने से हमारी पढ़ाई चौपट हो रही है.

चांद राशिद, छात्र, कुसैयाB

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel