बरहट . प्रखंड की कटौना पंचायत के वार्ड संख्या 10 स्थित अक्षरा गांव में हर घर नल-जल योजना ग्रामीणों की आंखों में धूल झोंकने वाली कहानी बनकर रह गयी है. यह योजना जो गांव-गांव घर-घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाने का वादा लेकर आयी थी. अक्षरा गांव में एक बोरिंग और एक अधूरा फाउंडेशन बनाकर ठहर गयी. अब हालत यह है कि ग्रामीणों की उम्मीदें भी उसी फाउंडेशन की तरह सूखकर लगी हैं. ग्रामीण सुड्डू यादव, दारो यादव ,अनिल यादव सोनू यादव आदि ने बताया की लगभग एक वर्ष पहले संवेदक ने जमीन चिन्हित कर बोरिंग करायी. मशीनें आईं चहल-पहल हुई. गांव के लोगो में उत्साह दौड़ा और लगा कि दशकों पुरानी पानी की किल्लत शायद अब समाप्त हो जाएगी. ग्रामीणों विश्वास था कि अब उन्हें हैंडपंपों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. परंतु जो शुरू हुआ था वह मात्र एक दिखावटी शुरुआत साबित हुई और अब एक साल गुजर गया, न पाइप बिछे, न टंकी बनी, न मोटर लगी और न ही संवेदक का कोई अता-पता. मानो योजना के साथ-साथ संवेदक भी हवा में विलीन हो गया.गांव के लोगों का कहना है कि संवेदक ने बोरिंग कर जैसे तैसे औपचारिकता पूरी की और फिर गायब हो गया. प्रशासन का उस पर कोई नियंत्रण नहीं दिखता.वार्ड सदस्य संजीत कुमार रावत ने इस मामले की गंभीरता को कई बार संबंधित पदाधिकारियों तक समस्या को लेकर शिकायत की गई .लेकिन नतीजा फाइलों में दबी रही.प्रशासनिक चुप्पी ने ग्रामीणों की परेशानी और निराशा दोनों को बढ़ा दिया है.
क्या कहते हैं प्रखंड विकास पदाधिकारी
प्रखंड विकास पदाधिकारी एसके पांडेय ने बताया कि मामले की जानकारी नहीं है. जांच कर कार्रवाई की जायेगी.
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