बरहट . बाल विवाह मुक्त भारत प्रतिज्ञा दिवस के अवसर पर राजकीय बुनियादी विद्यालय नुमर में बुधवार को जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. चेतना सत्र की शुरुआत शिक्षक अमित कुमार ने की. उन्होंने छात्र-छात्राओं के साथ संवाद स्थापित करते हुए बाल विवाह के सामाजिक, शारीरिक और मानसिक प्रभावों पर विस्तृत चर्चा की. उन्होंने बताया कि बाल विवाह सिर्फ एक सामाजिक बुराई ही नहीं बल्कि बच्चों के सपनों उनके अधिकारों और उनके उज्ज्वल भविष्य पर एक गहरा प्रहार है. उन्होंने उदाहरण के साथ समझाया कि कम उम्र में विवाह होने से लड़कियों और लड़कों दोनों की शिक्षा बाधित होती है. कुपोषण, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, घरेलू हिंसा और जीवन में अवसरों की कमी जैसी समस्याएं बाल विवाह से सीधे जुड़ी होती हैं. इसके बाद सभी बच्चों को शपथ दिलायी गयी कि वे न तो खुद कम उम्र में विवाह करेंगे और न ही अपने आसपास किसी भी बाल विवाह का समर्थन करेंगे. बच्चों ने उत्साह के साथ शपथ दोहरायी और बाल विवाह के खिलाफ जागरूक नागरिक बनने का संकल्प लिया. मौके पर विद्यालय के प्रधान शिक्षक चंदन कुमार ने कहा कि समाज में बाल विवाह को रोकने के लिए सबसे अधिक जरूरी है कि बच्चे और अभिभावक दोनों जागरूक हों. उन्होंने बताया कि विद्यालय स्तर पर ऐसी पहलें बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाती हैं और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति सजग बनाती हैं. कार्यक्रम में मौजूद शिक्षिका रीता कुमारी, जूही कुमारी, राजरानी कुमारी, तथा शिक्षक चंद्र मोहन प्रसाद, जयप्रकाश दास मैजूद थे.
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