-सांसद अरुण भारती बोले संसद में उठाया जायेगा मुद्दा
बरहट. हावड़ा–नई दिल्ली मुख्य रेलखंड पर स्थित जमुई रेलवे स्टेशन रोजाना हजारों यात्रियों की आवाजाही का केंद्र है, लेकिन स्थिति ऐसी है मानो यह किसी उपेक्षित रूट का छोटा स्टेशन हो. सबसे बड़ी समस्या दिल्ली, मुंबई, पटना सहित बड़े शहरों की प्रमुख लंबी दूरी की ट्रेनों का यहां ठहराव नहीं होना भी है. परेशान यात्रियों को मजबूरन किऊल, झाझा या अन्य स्टेशनों का सहारा लेना पड़ता है.चार जिलों की लाइफलाइन, पर सुविधाएं नदारद
जमुई, लखीसराय, बांका और मुंगेर के लाखों लोगों की रेल यात्रा का मुख्य केंद्र होने के बावजूद स्टेशन की स्थिति वर्षों से जस की तस है. न मूलभूत सुविधाएं, न लंबी दूरी की ट्रेनों का ठहराव स्टेशन की अनदेखी प्रतिदिन यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा रही है.सांसद पर उठ रहे सवाल
स्थानीय समाजसेवी श्रीकांत उर्फ बिट्टू यादव, दिनेश यादव, सुमित सिंह, सीटू सिंह, हिम्मत सिंह, कुशांश कुमार आदि ने आरोप लगाया कि रेलवे की बैठकों में जमुई स्टेशन के ठहराव की मांग प्रभावी तरीके से नहीं उठाई जाती. उनका कहना है कि सुविधाओं के विस्तार और ठहराव बढ़ाने के लिए अब तक ठोस पहल नहीं दिखी.पटना पहुंचना बना चुनौती
दैनिक यात्रियों के लिए पटना पहुंचना मुश्किल बन गया है. सुबह 10 बजे से पहले राजधानी पहुंचाने वाली कोई ट्रेन उपलब्ध नहीं है. सुबह 8:19 बजे आने वाली पटना–हटिया पाटलिपुत्र एक्सप्रेस दोपहर 1:20 बजे पटना पहुंचती है, जो दैनिक यात्रियों के लिए बिल्कुल उपयुक्त नहीं. यात्रियों की मांग है कि जमुई से ऐसी ट्रेन चलाई जाये जो सुबह 10 बजे तक पटना पहुंचाए, साथ ही दिल्ली, मुंबई और अन्य बड़े शहरों की प्रमुख ट्रेनों का अनिवार्य ठहराव जमुई में सुनिश्चित किया जाये.क्या कहते हैं जमुई सांसद
इस संबंध में जमुई सांसद अरुण भारती ने बताया कि लंबी दूरी की ट्रेनों के ठहराव को लेकर प्रक्रिया जारी है. रेलवे से संबंधित कई प्रस्ताव तकनीकी और प्रशासनिक स्तर पर विचाराधीन हैं. उन्होंने कहा कि आगामी संसद सत्र में जमुई स्टेशन की उपेक्षा और ठहराव बढ़ाने के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जायेगा, ताकि यहां के यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

