-विदेशी पक्षियों के आवासन व शोध ने बढ़ायी नागी का मान झाझा. नागी पक्षी अभयारण्य अब अपना प्रदेश ही नहीं विदेशों में भी अपनी पहचान बना ली है. इसे लेकर विदेशी पर्यटकों से नागी लगातार गुलजार हो रहा है. नागी में आने वाले हजारों की तादाद में साइबेरियन पक्षी व भिन्न-भिन्न देश के पक्षियों की मनमोहक छटा, आवासन को निहारने के लिए जर्मन के पर्यटक नागी पक्षी आश्रयणी पहुंचे. इस दौरान पर्यटकों ने न सिर्फ नागी की अद्भुत छटा से भाव-विभोर हुए, बल्कि यहां की नैसर्गिक सुंदरता को देखकर यहां के कर्मियों का उत्साहवर्धन भी किया. पेशे से फोटोग्राफर, वैज्ञानिक, प्रोफेसर आदि ने नागी के चारों तरफ घूम-घूम कर इसकी जल, मिट्टी, जल के बीच में बना चट्टान आदि पर आपस में गहन-विचार विमर्श करते हुए इसे एक उत्कृष्ट कलाकृति के बाद इस क्षेत्र के लिए सर्वोत्तम संसाधन बताया. जर्मन पर्यटक मेरी, गेरिबेरे, वाल्टर, डेनियल, क्लूज के अलावा साथ में रह रहे सामाजिक कार्यकर्ता भवानंद जी आदि ने नागी पक्षी आश्रयणी को अद्भुत बताया. वाल्टर ने बताया कि इस क्षेत्र में पाए जाने वाले प्रत्येक संसाधन उत्कृष्ट है. प्राध्यापक और वैज्ञानिक ने कहा कि इस क्षेत्र की मिट्टी, जल, पायी जान जाने वाली साइबेरियन पक्षी के अलावा स्थानीय पक्षियों का अपना विशेष महत्व व योगदान है. इन सभी पक्षियों पर हमेशा शोध किया जा सकता है. इन पक्षियों के आवासन के अलावा उनकी उत्कृष्ट क्षमता पर भी अध्ययन किया जा सकता है. पर्यटकों ने कहा कि जिस तरह से नागी का बनावट पक्षियों के लिए विशेष महत्व रखता है. ऐसे में साइबेरियन पक्षी के अलावा स्थानीय पक्षियों का भी झुंड लगातार जल के चारों तरफ दिखाई पड़ रहा है. पर्यटकों का दल नागी को देखकर न सिर्फ अभिभूत हुए, बल्कि यहां के उच्च अधिकारियों के अलावा वन विभाग से संबंधित सभी पदाधिकारी का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें और भी निरंतर कार्य करने की बात कही है. मौके पर वन प्रमंडल पदाधिकारी तेजस जायसवाल, फॉरेस्टर अनुपम कुमार, बर्ड गाइड संदीप कुमार, अवधेश कुमार, त्रिदेव कुमार समेत कई लोग के अलावा अन्य कई लोग मौजूद थे.
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