गिद्धौर . ऐतिहासिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहर के रूप में प्रसिद्ध गंगरा स्थित बाबा कोकिलचंद धाम में गुरुवार को नवान्न पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. सुबह 11 बजे विधि-विधान से लोक देवता बाबा कोकिलचंद की पूजा-अर्चना की गयी. ग्रामीणों ने खेतों में उपजे नये धान के अन्न के साथ दूध, घी, शक्कर, मधु एवं दही का भोग अर्पित कर क्षेत्र में सुख, शांति और समृद्धि की कामना की. ग्रामीणों ने अन्न की रक्षा और पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए बाबा कोकिलचंद सहित सात पीढ़ियों के पूर्वजों का तर्पण भी किया. इसके बाद पूरे गांव में घर-घर नेमान पूजन संपन्न हुआ.
दीपों से जगमगाया मंदिर परिसर, देर रात तक चली परंपरागत बामर पूजा
नवान्न पर्व के अवसर पर शाम को मंदिर परिसर को दीपों से सजाया गया. देर रात ग्रामीणों की देखरेख में बाबा कोकिलचंद की परंपरागत बामर पूजा विधिवत संपन्न हुई. इसमें गंगरा के साथ आसपास के दर्जनों गांवों के लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. बताते चलें कि गंगरा स्थित बाबा कोकिलचंद का स्थापित यह पिंड सर्व मनोकामना सिद्धि का प्रतीक माना जाता है. इसे गिद्धौर के तत्कालीन महाराजा हरि सिंह ने क्षेत्रवासियों के मंगल और समृद्धि की कामना से स्थापित कराया था.
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