बरहट. प्रखंड स्थित बीआरसी भवन में आयोजित प्रधान शिक्षकों की मासिक गुरु गोष्ठी ने एक बार फिर शिक्षा व्यवस्था की चुनौतियों और समाधानों को केंद्र में ला दिया. बैठक में डीपीओ प्रारंभिक शिक्षा व समग्र शिक्षा नितेश कुमार की मौजूदगी और बीईओ सुधांशु कुमार की अध्यक्षता ने पूरे आयोजन को एक गंभीर समीक्षा मंच का रूप दिया. गुरु गोष्ठी में विद्यालयों की वास्तविक स्थिति उपलब्ध संसाधनों और शैक्षणिक गतिविधियों का आकलन कर उन्हें बेहतर दिशा देने को लेकर आयोजित की गयी. डीपीओ ने बैठक की शुरुआत यू-डाइस के विभिन्न मॉड्यूल, जीपी, ईपी, एफपी की समीक्षा से की तथा विद्यालय प्रोफ़ाइल, शिक्षक प्रोफ़ाइल और छात्र प्रोफ़ाइल जैसे महत्वपूर्ण आंकड़ों की अद्यतन स्थिति पर विस्तृत चर्चा की गयी. साथ ही ई-शिक्षा कोष के माध्यम से टैबलेट पर बच्चों की दैनिक उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था पर भी गहन मंथन हुआ. बैठक के दौरान जिन स्कूलों में अभी तक शौचालय विहीन हैं और पेयजल सुविधा अधूरी है. उस स्कूलों की तुरंत रिपोर्ट उपलब्ध कराने और आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए. वहीं मशाल कार्यक्रम, मिशन लाइफ के तहत इको क्लब की स्थापना और टीएलएम 3.0 मेले के आयोजन को लेकर भी शिक्षक समुदाय को दिशा-निर्देश दिए गए. इसके अलावा समग्र शिक्षा के राष्ट्रीय आविष्कार अभियान के तहत विज्ञान प्रदर्शनी और क्विज प्रतियोगिताओं को और प्रभावी बनाने की जरूरत पर जोर दिया गया. पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति 2022–23 तथा वंदे मातरम् राष्ट्रीय गीत के 150 वर्ष पूर्ण होने पर विद्यालयों में आयोजित की जाने वाली विशेष गतिविधियों पर भी विचार-विमर्श हुआ. वर्ष 2024–25 की तुलना में 2025–26 में बच्चों के नामांकन में कमी दर्ज की गयी है. यह स्थिति चिंताजनक है और इस पर गहन समीक्षा आवश्यक बतायी गयी. शिक्षा विभाग ने प्रधान शिक्षकों को नामांकन बढ़ाने, ड्रॉपआउट रोकने और समुदाय के साथ तालमेल मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी. बैठक में लेखापाल अजय कुमार सिंह, प्रधान शिक्षक रवि कुमार, इंद्रदेव दास, राजीव रंजन, छोटू कुमार और नवीन कुमार समेत कई शिक्षक उपस्थित रहे.
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