सोनो. प्रखंड अंतर्गत सोनो झाझा मुख्य मार्ग पर स्थित भीठरा गांव में सोमवार को विषाक्त खाद्य पदार्थ खाने और गंदा पानी पीने से एक मवेशी की मौत हो गयी, जबकि कई मवेशी बीमार हो गये. ग्रामीणों का आरोप है कि समीप ही दयावती एजुकेशनल एंड चैरिटेबल सोसायटी की ओर से संचालित केंद्रीकृत रसोई घर के गंदा पानी को पीछे खुले खेत में बहाया जाता है. रसोई का बचा भोजन को भी पीछे खुले खेत में फेंक दिया जाता है. ग्रामीणों का कहना है कि शनिवार को इसी फेंके गये खाना को मवेशियों ने खाया और गंदे पानी को पिया. इससे कई मवेशी बीमार हो गये और एक मवेशी की मौत भी हो गयी. मौके पर पशु चिकित्सक पहुंचे और बीमार पशुओं की चिकित्सा शुरू की गई. वहीं पुलिस भी पहुंचकर स्थल का मुआयना किया. जिस मवेशी की मौत हुई उसके मालिक चूहो यादव के अलावे बीमार हुए पशुओं के मालिक ने थाना में शिकायती आवेदन देकर मध्याह्न भोजन बनाने वाले रसोई घर पर आरोप लगाये हैं. ग्रामीण चूहो यादव, कमलेश कुमार, नरेश यादव, जुगल यादव ने बताया कि रसोई घर में कचरा निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं है. गंदा पानी और बचा हुआ बेकार खाद्य पदार्थ खुले में फेंका जाता है. इसके सड़ने से बदबू फैलती है. मवेशी जब इसे खाते हैं तो बीमार हो जाते हैं. आम लोगों को भी बदबू से बीमार होने का भय सताता है. कई बार शिकायत की गई लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ. बीते मार्च महीने में भी इसी तरह खेत में फेंके विषाक्त खाना खाने से दो मवेशी की मौत हो गई थी. वर्तमान में दो दिन पूर्व खेत में फेंके गए विषाक्त खाना खाने से सोमवार को कई मवेशी बीमार पड़े और एक की मौत हो गई. रसोई घर से जो गंदा पानी बहता है गर्मी में मवेशी उस पानी को भी पी लेते है जिससे बीमार हो जाते है. पीड़ित ने पुलिस को सूचना दी और कार्रवाई की मांग की है. वहीं रसोई घर के प्रबंधक बलवंत सिंह ने आरोपों को गलत बताया. उन्होंने कहा कि वेस्ट खाद्य पदार्थ को बाहर नहीं फेंका जाता है और पानी के लिए सोखता बना है. मवेशियों के बीमार होने में मेरे रसोई घर का कोई लेना देना नहीं है. थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है.
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