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दुखद स्थिति . संसाधनों व कर्मियों की कमी जिला उद्योग केंद्र में कुल सृजित छह पद के विरुद्ध मात्र तीन अधिकारी व तृतीय तथा चतुर्थ वर्गीय कर्मियों कुल सृजित 13 पद के विरुद्ध मात्र तीन कर्मी ही कार्यरत हैं. जमुई : स्थानीय जिला उद्योग केंद्र में संसाधनों व कर्मियों के कमी के कारण दैनिक कार्यों […]

दुखद स्थिति . संसाधनों व कर्मियों की कमी

जिला उद्योग केंद्र में कुल सृजित छह पद के विरुद्ध मात्र तीन अधिकारी व तृतीय तथा चतुर्थ वर्गीय कर्मियों कुल सृजित 13 पद के विरुद्ध मात्र तीन कर्मी ही कार्यरत हैं.
जमुई : स्थानीय जिला उद्योग केंद्र में संसाधनों व कर्मियों के कमी के कारण दैनिक कार्यों के निष्पादन में काफी परेशानियों का सामना तो करना ही पड़ता है, साथ ही स्वरोजगार के लिए ऋण हेतु आवेदन देने वाले आवेदकों के कार्यों का भी ससमय निबटारा नहीं हो पाता है. कमियों की मानें तो महाप्रबंधक, परियोजना प्रबंधक व उद्योग विस्तार पदाधिकारी के कुल सृजित छह पद के विरुद्ध मात्र तीन अधिकारी ही कार्यरत हैं व तृतीय तथा चतुर्थ वर्गीय कर्मियों कुल सृजित 13 पद के विरुद्ध मात्र तीन कर्मी ही कार्यरत हैं.
इसके कारण सही से ससमय कार्यों का संपादन नहीं हो पाता है व अधिकारियों की संख्या कम होने के कारण सही से योजनाओं का भौतिक निरीक्षण भी नहीं हो पाता है. कई बार तो बैंक तक ससमय आवेदन भी नहीं पहुंच पाता है. वहीं स्थापना के 11 वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी आज तक उद्योग विभाग को अपना भवन नसीब नहीं हो पाया है व वर्तमान समय में यह कार्यालय किराये के भवन में चल रहा है. वर्तमान समय में यह भवन बिल्कुल जर्जर हो गया है व बारिश होने पर कार्यालय के छत से जगह जगह से पानी रिसने लगता है जिससे कार्यालय में रखे हुए आवश्यक कागजातों के भी खराब हो जाने का डर सताते रहता है.
क्या कहते हैं अधिकारी
संसाधनों व कर्मियों की बाबत जिला महाप्रबंधक संजय कुमार वर्मा ने बताया कि कर्मियों की कमी को लेकर विभाग के वरीय अधिकारियों को कई बार लिखा गया है लेकिन विभाग के द्वारा इस दिशा में आज तक कोई भी कदम नहीं उठाया गया है. वहीं जिला प्रशासन की ओर से समाहरणालय के समीप खाली पड़े जमीन में कार्यालय के निर्माण हेतु जमीन उपलब्ध करा दिया गया है.
क्या है उद्योग विभाग का कार्य
उद्योग विभाग के द्वारा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना,मुद्रा योजना आदि के तहत 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को स्वरोजगार हेतु पांच लाख रुपया से लेकर 25 लाख तक का ऋण आसान किस्तों पर बैंक के माध्यम से दिलवाया जाता है. ताकि युवा सरकार द्वारा निर्धारित कार्य के तहत स्वरोजगार करके आत्मनिर्भर बन सके.
इसके लिए आवेदन दिया जाता है व उसके पश्चात साक्षात्कार लेकर योग्य अभ्यर्थियों के आवेदन को पोषक क्षेत्र के बैंकों में ऋण हेतु भेजा जाता है. उद्योग लगाने हेतु विभाग की ओर से युवाओं को प्रशिक्षण भी दिया जाता है. नि:शक्तों व महिलाओं को ऋण में विशेष छूट भी दी जाती है.

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