पटना / जमुई : जीतन राम मांझी जिस लालसा के साथ महागठबंधन में गये थे, उनकी वह लालसा अब अधूरी रह गयी. अब उन्हें वापस अपने घर लौट आना चाहिए और इसका हम खुले दिल से स्वागत भी करेंगे. उक्त बातें सूबे के पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने जमुई जिला अतिथि गृह में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि जीतन राम मांझी को राजनीतिक तौर पर महागठबंधन में ठगा गया है. इसलिए आज भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में उनका स्वागत है और अगर वह वापस लौटकर आते हैं तो उन्हें ससम्मान अपने साथ रखा जायेगा. इस दौरान पूर्व कृषि मंत्री ने यह कहा कि अगले दो सालों में राष्ट्रीय जनता दल टूट कर खंड-खंड हो कर पूरी तरह से बिखर जायेगा. हालांकि इस बात आगे बताने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि इसका विस्तार से खुलासा किया जायेगा.
नीतीश ने मनमाने ढंग से बांटा था लोकसभा टिकट
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हालांकि जदयू बिहार की सबसे मजबूत पार्टी बनकर अभी भी कायम है. मेरा नीतीश कुमार से मतभेद कभी नहीं रहा है. कभी-कभार उनके काम करने की शैली को लेकर मतभेद हुआ था. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के काम करने का तरीका काफी अलग है. उन्होंने लोकसभा चुनाव के समय अपने तरीके से टिकट का बंटवारा किया था और जिस कारण जनता दल यू को लोकसभा चुनावों में पराजय का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा कि टिकट बंटवारे को लेकर मैंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात की थी तथा उन्हें कहा था. परंतु उन्होंने मेरी नहीं माना और इसका नतीजा यह हुआ कि लोकसभा चुनाव के परिणामों में जनता दल यू को नुकसान उठाना पड़ा. उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार से कोई मन का भेद नहीं है.
उन्होंने कहा कि जब जीतन राम मांझी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाये जाने की बात कही जा रही थी तब भी मैंने उनके इस्तीफे को लेकर उन्हें रोका था. इसके बाद भी जब जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री के पद से हटाने की बात चल रही थी तो मैंने उन्हें मना किया था. पर उन्होंने मेरी बात तब भी नहीं मानी. जिसके बाद मैं जीतन राम मांझी के साथ खड़ा रहा. एक सवाल के जवाब में कहा कि कुछ लोग नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हैं. परंतु नीतीश कुमार ने सबका सम्मान किया है चाहे वह शकुनी चौधरी हो, वृषण पटेल हो या शिवानंद तिवारी हो. जिन्होंने यह कहा था कि नीतीश कुमार के पेट में दांत है. इसके बाद वह पुनः नीतीश कुमार के साथ आये थे. तथा उन्हें लोकसभा, मंत्री पद और राज्यसभा की कुर्सी भी नीतीश कुमार के राज्य में नसीब हुई थी.
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