औरंगाबाद. ढिबरा थाना क्षेत्र के बनुआ मोड़ के समीप मंगलवार की देर शाम अज्ञात वाहन की चपेट में आने से बाइक सवार 32 वर्षीय एक युवक की मौत हो गयी. मृतक युवक सोनू चौधरी गांव के तुलसी चौधरी का बेटा था. जानकारी के अनुसार, सोनू खेती-बाड़ी के साथ-साथ मजदूरी कर अपने परिवार का जीविकोपार्जन करता था. वह मंगलवार की शाम बाइक से बालूगंज बाजार गया था. देर शाम वापस लौटने से दौरान जैसे ही बनुआ मोड़ के समीप पहुंचा कि तेज रफ्तार अनियंत्रित अज्ञात वाहन ने उसकी बाइक में जोरदार टक्कर मार दी.
अचेत अवस्था में सड़क किनारे गिर पड़ा रहा सोनू
हादसे के बाद सोनू अचेत अवस्था में सड़क किनारे गिर पड़ा. टक्कर की आवाज सुनकर मौके पर आसपास के लोगों की भीड़ जुट गयी. उसी रास्ते से गुजर रहे बनुआ गांव के एक ग्रामीण की नजर अचेत अवस्था में सड़क किनारे पड़े सोनू पर पड़ी, तो इसकी सूचना उसके परिजनों को दी. सूचना पाकर परिजन बदहवास स्थिति में मौके पर पहुंचे और आनन-फानन में सदर अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. अस्पताल प्रबंधन की ओर से घटना की सूचना नगर थाना पुलिस को दी गयी. सूचना पर सदर अस्पताल पहुंचे नगर थाना के दारोगा अरविंद कुमार ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी करायी और शव परिजनों को सौंप दिया.
तीन भाई था मृतक, तीनों की सड़क हादसे में मौत
बड़ी बात यह है कि मृतक तीन भाइयों में सबसे छोटा था. इसके पूर्व मृतक के बड़े भाई अर्जुन चौधरी का 14 वर्ष पूर्व गुजरात में सड़क हादसे में ही मौत हो गयी थी. वहीं मंझले भाई संजय चौधरी की भी 12 वर्ष पूर्व औरंगाबाद-पटना रोड में मंजुराही मोड़ के समीप बस पर सवार होकर किसी रिश्तेदार के घर जाने के दौरान तेज रफ्तार ट्रक की टक्कर से मौत हो गयी थी.
विधवा भाभी से की थी शादी
जानकारी मिली कि उस समय मृतक के बड़े भाई अर्जुन चौधरी विवाहित था और संजय व सोनू अविवाहित थे. दो वर्षों के अंतराल में बड़े और मंझले भाई की एक्सीडेंट में मौत के बाद ग्रामीणों व परिवार वालों की सहमति से अर्जुन की विधवा पत्नी मीना से सोनू की शादी करा दी गयी. मृतक अर्जुन से तीन बच्चे थे. सोनू से शादी के बाद दो बच्चे और हुए. बड़े भाई के बच्चों में पूजा कुमारी, मुटरी कुमारी व गुलाबो शामिल हैं. वहीं शादी के बाद सोनू के दो बच्चे अंशु कुमारी व छोटू कुमार हैं.
भाइयों की मौत के बाद सोनू घर का एकमात्र सहारा था
इस हृदय विदारक घटना की खबर सुनकर सदर अस्पताल पहुंचे बनुआ पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि विशाल कुमार ने परिजनों को ढांढ़स बंधाया. उन्होंने बताया कि तीनों भाइयों की सड़क दुर्घटना में मौत होने से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. दोनों भाइयों की मौत के बाद सोनू घर का एकमात्र सहारा था. इस हादसे के बाद सभी बच्चे अनाथ हो गये. परिवारवालों का रो-रोकर बुरा हाल है, तो वहीं गांव में मातम पसरा हुआ है.
अब केकरा भरोसे जिबई हो बेटवा
इधर, सोनू की मौत के बाद पिता तुलसी चौधरी अब केकरा भरोसे जिबई हो बेटवा कहकर बिलख-बिलख बदहवास स्थिति में रो रहे थे. तीनों बेटों की सड़क दुर्घटना में मौत से पूरा परिवार गमगीन हो गया. सोनू की कमाई से ही परिवार का भरण-पोषण होता था. अब वह भी साथ छोड़कर चला गया, तो घर चलना भी मुश्किल हो गया.
लइकवन के अब के देखतई-पढ़तई हो रजउ
हादसे के बाद मीना देवी की स्थिति सबसे अधिक खराब है. पहले अर्जुन की मौत के बाद तीन छोटे-छोटे बच्चों को संभालना मुश्किल हो गया था, तो घर वालों ने सोनू से शादी करा दी थी. अब सोनू भी इस दुनिया में नहीं रहा, तो बच्चों की देखरेख कैसे होगी. क्योंकि, सोनू ही अपने बड़े भाई के तीनों बच्चों को भी पिता का प्यार दे रहा था. इसी क्रम में सोनू के भी दो बच्चे हुए और वह कुल पांच बच्चों के साथ-साथ अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा था. लेकिन, शायद विधाता को खुशी मंजूर नहीं थी और मीना की किस्मत से ईश्वर ने सोनू को भी छिन लिया. इस घटना के बाद मीना यह कहते हुए बिलख रही थी कि लईकवन के अब के देखतई-पढ़तई हो रजउ. अब कोई सहारा भी न बचलई. केकरा भरोसे अब रहबई को पियवा.
बड़े भाई की बेटी की शादी की तैयारी में था सोनू
पता चला कि बड़े भाई की मौत के बाद सोनू बड़ी बेटी पूजा की शादी करने की तैयारी में था. पूजा की शादी के लिए इधर-उधर बातें भी चलायी जा रही थीं, लेकिन शायद किस्मत को यह मंजूर नहीं था. एक ही झटके में पूजा के साथ-साथ पांच बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया. मीना का मायके झारखंड के छतरपुर स्थित गुलाबझरी से पहुंचे परिजन चीत्कार उठे. घर से लेकर ससुराल तक मातम पसर गया. सभी मीना को समझाने में जुटे थे.