हाजीपुर. शहर समेत जिले के सभी इलाकों में सोमवार को महिलाओं ने अपने पति की दीर्घायु के लिए वट सावित्री का पर्व मनाया. सोमवार को वट सावित्री पूजा को लेकर नदी घाटों पर महिला श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गयी. इस अवसर पर सुहागिन महिलाओं ने वट वृक्ष के पास विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की. सती सावित्री और सत्यवान की कथा से जुड़े इस व्रत को सदियों से महिलाएं करती आयी हैं. इस दिन विशेष रूप से वट वृक्ष या बरगद के पेड़ की पूजा का विधान है. वट सावित्री व्रत को लेकर को अहले सुबह से ही नदी घाटों पर स्नान-पूजा के लिए महिलाओं की भीड़ जुटने लगी थी. नगर के कौनहारा घाट, सीढ़ी घाट, कौशल्या घाट, चित्रगुप्त घाट, कदंब घाट समेत अन्य घाटों पर स्नान-ध्यान के बाद व्रती महिलाओं ने व्रत का संकल्प लिया. उसके बाद बरगद के पेड़ के पास पहुंचीं. पेड़ में जल, अक्षत, फूल, मिष्ठान आदि चढ़ाय. फिर वृक्ष में कलावा बांधकर आशीष मांगा. वृक्ष की परिक्रमा करने के बाद व्रत की कथा सुनीं. बड़ी संख्या में महिलाएं उपवास पर रहकर अपने पति की दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य की कामना की. नगर के विभिन्न मुहल्लों में वट सावित्री व्रत करने वाली महिलाओं में काफी उत्साह और उल्लास देखा गया. स्थानीय बाजार समिति के निकट वट वृक्ष की पूजा-परिक्रमा करने आयी राधा देवी, सबिता देवी, आशा देवी, संगीता देवी, कविता सिंह, मनोरमा देवी समेत अन्य व्रती महिलाओं ने बताया कि वट वृक्ष की पूजा करने से लंबी आयु, सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य मिलने के साथ ही सभी तरह के कलह का नाश होता है.
राजापाकर में वट सावित्री पर की श्रद्धापूर्वक पूजा
राजापाकर. प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों व टोले-मोहल्लों में सोमवार को वट सावित्री व्रत श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया गया. वट वृक्ष के नीचे पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार सुहागिनों ने अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखकर पूजा-अर्चना की. सुबह से ही महिलाएं सुहाग की सारे रस्म कर पारंपरिक परिधान लाल, पीले, हरे रंग की साड़ियों में सज-धज कर एवं सभी प्रकार के श्रृंगार कर पूजा सामग्री लेकर पूजा स्थल पर पहुंचीं. महिलाओं ने वटवृक्ष की जड़ों में जल अर्पित किया, धागा बांधा और व्रत कथा सुनते हुए परिक्रमा की. अपने परिवार एवं पति के लंबी दीर्घायु की कामना की.सुहागिनों ने की अखंड सुहाग की कामना
महनार. पति की दीर्घायु और परिवार की समृद्धि और सुरक्षा के लिए सोमवार को सुहागिन महिलाओं ने वट सावित्री पूजा की. वट सावित्री को लेकर सुबह से ही महनार प्रखंड व नगर क्षेत्र का माहौल पूरी तरह धार्मिक बना हुआ रहा. व्रती महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और घर परिवार की समृद्धि के लिए नये-नये परिधानों में सज धज कर वट वृक्ष के नीचे पहुंची. वहां विभिन्न प्रकार के पकवानों और मौसमी फलों से त्रिदेव स्वरूप वट वृक्ष की पूजा की और मनोवांछित फल मांगा. पूजा के लिए वट वृक्ष के नीचे सुहागिनों की भीड़ लगी रही. वहीं ज्यादातर सुहागिनों ने अपने घर में ही वटवृक्ष की टहनियों को गमले में लगाकर विधि विधान के साथ वट सावित्री पूजा की. इसके उपरांत सत्यवान सावित्री की कथा भी सुनी. पंडितों ने मंत्रोच्चारण के साथ व्रतियों को वट सावित्री की पूजा कराई.महिलाओं ने लंबी उम्र की कामना की
भगवानपुर. प्रखंड क्षेत्र में पति के लंबी उम्र की कामना का पर्व वट सावित्री पूजा बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. जगह- जगह महिलाएं वट वृक्ष की पूजा अर्चना कर पति के लंबी उम्र की कामना की. वहीं पंडित जी द्वारा वट सावित्री पूजन कथा सुन महिलाएं व्रत रखी. सराय के जगदंबा स्थान और बिठौली नाम परिसर स्थित वट वृक्ष के समीप सुबह से ही महिलाओं का वट सावित्री पूजा करने को लेकर भीड़ उमड़ पड़ी. जगदंबा स्थान सराय के परिसर में पंडित पवन झा ने सभी महिलाओं को वट सावित्री पूजन का कथा सुनाया. महिलाओं मे मधु गुप्ता, शोभा गुप्ता, दुर्गावती देवी, सुषमा कुमारी, अर्चना गुप्ता सहित सैकड़ो की संख्या में महिलाओं ने वट वृक्ष की पूजा अर्चना कर वट सावित्री पूजा के लिए उपवास रखी.
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