हाजीपुर. जिले के दो जन्मजात हृदय रोगी बच्चों को सरकारी खर्च पर इलाज और ऑपरेशन के लिए शनिवार को अहमदाबाद के लिए रवाना किया गया. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत मुख्यमंत्री बाल ह्रदय योजना के तहत वैशाली जिले से अब तक 140 बच्चों की सफल सर्जरी हो चुकी है. जिले के विभिन्न प्रखंड की आरबीएसके टीम द्वारा 0 से 18 वर्ष के बच्चों की स्वास्थ्य जांच आंगनबाड़ी केंद्र और सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में जाकर किया जाता है. साथ ही सभी स्वास्थ्य संस्थान के प्रसव केंद्रों पर भी जन्मजात रोगों से ग्रसित बच्चों की जांच की जाती है.
योजना के तहत अब तक 140 बच्चों का सफल ऑपरेशन हुआ है और उन्हें नया जीवन मिला है. विभिन्न अस्पतालों जैसे की श्री सत्य साईं अस्पताल अहमदाबाद में कुल 111 बच्चे, इंदिरा गांधी ह्रदय रोग संस्थान में 19 बच्चे, इंदिरा गांधी आयुर्वेिज्ञान संस्थान में 9 बच्चे और मेदांता अस्पताल पटना में 1 बच्चे का सफल सर्जरी अब तक हो चुका हैं. सभी बच्चों की सर्जरी नि.शुल्क हुई है, जिसमें से 21 डिवाइस क्लोजर सर्जरी और 119 ओपन हार्ट सर्जरी हैं. प्रबंधक सह समन्वयक आरबीएसके डॉ शाइस्ता ने बताया कि बच्चों के प्रतिदिन जांच के लक्ष्य में कमी आयी है.बच्चों के मृत्यु दर में आयी कमी
डॉ शाइस्ता ने बताया कि बच्चों में होने वाले जन्मजात रोगों में हृदय में छेद एक गंभीर समस्या है. समय रहते सर्जरी नहीं की गयी, तो बच्चे की जान भी जा सकती है. हाजीपुर से दो बच्चे मानवी कुमारी और आशिक कुमार दोनों बच्चे हृदय रोग से पीड़ित हैं. उनके हृदय में जन्म से ही छेद है, जिसके कारण जन्म के बाद से ही दोनों बच्चों में कई प्रकार की अनियमितताएं सामने आ रही थीं. स्वास्थ्यकर्मियों के द्वारा इन बच्चों की पहचान कर उन्हें हेल्थ सेंटर पर रेफर किया गया, जहां जांच के बाद उनमें हृदय रोग की बीमारी का पता चला. श्री सत्य साईं ह्रदय अस्पताल अहमदाबाद सर्जरी के लिए भेजा गया है. जबकि, राघोपुर प्रखंड के एक बच्चा रविश कुमार को डिवाइस क्लोजर सर्जरी के लिए इंदिरा गांधी ह्रदय रोग संस्थान भेजा गया. .डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

