केरल के वायनाड में हुई लैंड स्लाइड की घटना में मृत गौरौल थाना क्षेत्र के महमदपुर गांव की फूलकुमारी का पुत्र रवि रौशन कुमार अपनी मां के श्राद्ध कर्म के लिए अपने घर आया है. उसके पिता उपेंद्र पासवान अभी इलाजरत हैं. यहां उसके आते ही दरवाजे पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गयी. रौशन के चेहरे पर वायनाड हादसे का दर्द साफ झलक रहा था. रवि रौशन ने बताया कि वह अपने माता-पिता के साथ ही वायनाड में काम करता था. सभी वहां चाय बगान में काम करते थे. कंपनी की ओर से मिले घर में ही सभी लोग रहते थे. घटना वाली रात से पहले शाम के वक्त वह कंपनी के काम से अलग चला गया था. जब वह सुबह लौटा तो देखा कि सबकुछ खत्म हो चुका था. उसके पिता उपेंद्र पासवान, मां फूल कुमारी देवी व बगलगीर बिजनेश पासवान एवं अरुण पासवान का कोई अता-पता नहीं था. घर भी जमींदोज हो चुका था. रवि ने बताया कि जब शाम में गया था, तो सबकुछ सही था, सुबह लौटा तो हर ओर विनाशलीला ही दिख रही थी. उसके पिता ने बताया कि सभी लोग सोये थे कि अचानक तेज आवाज आयी. इसके बाद बड़ा-बड़ा पत्थर गिरने लगा. जबतक लोग संभल पाते तब तक पानी आ गया और देखते ही देखते सब खत्म हो गया. बताया कि उसके पिता उपेंद्र पासवान कमर से नीचे पत्थर की चोट से बुरी तरह जख्मी हो गये हैं. घटनास्थल के आसपास चार-पांच गांव बसे थे. वे सभी गांव पानी में बह गये. यहां के दो दर्जन लोग वहां रहकर जीवन यापन करते हैं. जो अलग थे, वे बच गये हैं. रवि ने बताया कि उसके पिता उपेंद्र और गांव के अरुण जीवन मौत से जूझ रहे हैं. रवि अपनी आपबीती सुनाते हुए फफक-फफक कर रोने लगता है और कहता है कि हमारे परिवार का क्या होगा.
मां तो मर गयी, पिता का इलाज का भारी खर्च कहां से आयेगा. आसपास के लोग उसे ढांढस बंधाते हैं. वह अपनी मां का श्राद्ध गांव में करने के लिए आया है. वह पुनः श्राद्ध के बाद इलाजरत पिता के पास चला जायेगा.
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