हाजीपुर. नाटक ””मरणोपरांत”” की प्रस्तुति के साथ भारतेंदु हरिश्चंद्र नाट्य महोत्सव का समापन हुआ. शहर की चर्चित नाट्य संस्था निर्माण रंगमंच की ओर से दो दिवसीय नाट्य महोत्सव स्थानीय सांचीपट्टी, विवेकानंद कॉलोनी स्थित निर्मलचंद्र थियेटर स्टूडियो में आयोजित किया गया था. नाट्योत्सव के अंतिम दिन इमेज आर्ट सोसाइटी, पटना की ओर से सुरेंद्र वर्मा लिखित नाटक मरणोपरांत का मंचन हुआ. इसकी परिकल्पना और निर्देशन शुभ्रो भट्टाचार्य ने किया. नाटक में विवाहेत्तर संबंध के अंतर्द्वंद्व को दर्शाया गया. अभिनेता शुभ्रो भट्टाचार्या और उदय कुमार ने अपने सशक्त अभिनय से प्रस्तुति को जीवंत बनाया. धीरज कुमार ने ध्वनि से सजाया. नाटक का सार यूं है कि महानगरों की भागदौड़ वाली जिंदगी में आदमी ज़्यादा से ज़्यादा आमदनी के लिए दिन-रात मेहनत करता है और खुशहाल जीवन जीने की कोशिश करता है. लेकिन, आदमी यह भूल जाता है कि यह सबकुछ जो वह हासिल कर चुका है, इसका उपभोग करना उसके भाग्य में लिखा भी है या नहीं. पत्नी की आकस्मिक मृत्यु की सूचना के साथ इस नाटक की शुरुआत होती है. उसकी मृत्यु के उपरांत ही पति को उसके विवाहेत्तर संबंध के बारे में जानकारी प्राप्त होती है और उसके वैनिटी बैग में प्रेमी के लिए सुरक्षित रखा उपहार मिलता है. उस उपहार को वह स्वयं अपने हाथों से प्रेमी को सुपुर्द कर देता है. इस विशिष्ट मुलाकात में पति और प्रेमी, दोनों मृत महिला के प्रति अपने-अपने विचार प्रकट करते हैं. दूसरे दिन के कार्यक्रम का उद्घाटन रंगकर्मी रविशंकर पासवान और शुब्रो भट्टाचार्य ने किया. नाटक में लाइट और साउंड का संयोजन पवन कुमार अपूर्व ने किया.
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