राघोपुर. गंगा का जल स्तर पिछले कई घंटा से स्थिर होने के बाद भी बाढ़पीड़ितों की मुश्किल कम नहीं हुई. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के कई पंचायत में बिजली बाधित होने के कारण राघोपुर के लोग रतजगा कर रहे हैं. लोगों को सांप-बिच्छू का डर सता रहा है. पिछले कई दिनों से बाढ़ के पानी से घिरे लोगों की मुश्किल कम होने का नाम नहीं ले रही है. वहीं, प्रशासन के द्वारा पर्याप्त नाव की व्यवस्था एवं सरकारी सहायता उपलब्ध नहीं कराए जाने पर लोग काफी गुस्से में है. बिजली बाधित वाले पंचायतों में रात्रि में मोबाइल से भी लोगों का संपर्क नहीं हो पता है.
प्रखंड का लगभग हर गांव बाढ़ के पानी में डूबा है. सैकड़ों एकड़ में लगी फसल पानी में डूबे हुए हैं. प्रखंड के मुख्य सड़क से सभी गांव का संपर्क भंग हो गया है. मुख्य सड़क पर गाड़ी के बजाए नावें चल रही हैं. राघोपुर प्रखंड अंचल, बीआरसी परिसर, रेफरल अस्पताल, सीडीपीओ कार्यालय, मोहनपुर में नवनिर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य सहित प्रखंड के सभी विद्यालयों में लबालब पानी भरा हुआ है. प्रखंड के रुस्तमपुर से बीरपुर जाने वाली मुख्य मार्ग और कई जगह चार फीट पानी सड़क पर होने के कारण आवागमन पूरी तरह बंद हो गया है. लोग जान जोखिम में डालकर किसी तरह एक स्थान से दूसरे स्थान जा रहे हैं. पशुपालक पशुओं के लिए जान जोखिम में डालकर एक स्थान से दूसरे स्थान चारा लाने के लिए जाते हैं. सरकारी स्तर पर अब तक बाढ़ प्रभावित इलाके में आम लोगों के लिए किसी तरह की कोई सुविधा नहीं दी जा रही है.सैकड़ों दुकानों में घुसा बाढ़ का पानी, सामान बर्बाद
प्रखंड के विंदा मार्केट शिवनगर, जुड़ावनपुर हाई स्कूल एवं थाना के पास बाजार, राघोपुर,कबीर चौक सहित प्रखंड के विभिन्न चौक चौराहा एवं गांव स्थित किराना जनरल स्टोर, चाय नाश्ता एवं अन्य दुकान में बाढ़ का पानी लबालब भर गया है. कई जगहों पर अचानक बाढ़ के अपनी दुकान में घुसने के कारण सामान बर्बाद हो गया. दुकानदारों ने बताया कि अचानक बाढ़ के अपनी दुकान में घुसने के कारण सामान निकालने का मौका नहीं मिला, जिसके कारण लाखों रुपए का सामान बाढ़ के पानी में डूबने से बर्बाद हो गया.
राहत सामग्री के इंतजार में बैठे बाढ़पीड़ित
गंगा के जलस्तर स्थिर होने के बाद भी बाढ़ पीड़ितों के मुसीबत कम नहीं हुई है, सबकी नजरें सरकारी राहत सहायता की ओर टकटकी लगाए हुए हैं.प रंतु लगता है कि उनका सपना साकार होने वाला नहीं है. लोगों ने बताया कि राघोपुर प्रखंड के कई गांव में पिछले कई दिनों से बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है. कई घरों में लबालब पानी भरा हुआ है. लोगों को खाना बनाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन प्रशासनिक स्तर पर अभी तक बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत की व्यवस्था नहीं की गई है. प्रशासन के स्तर पर व्यवस्था नहीं किए जाने से बाढ़ पीड़ित काफी नाराज है. स्थानीय प्रतिनिधि के स्तर पर भी राहत सामग्री का वितरण नहीं किए जाने से लोग काफी मायूस है. लोगों की सबसे बड़ी समस्या पशु चारा की है, लोग पानी में तैरकर अपने पशु के लिए चारा ला रहे हैं. प्रशासन के द्वारा अब तक पशु चारा की व्यवस्था नहीं की गई.
रुस्तमपुर गांव में बाढ़पीड़ितों ने किया हंगामा
राघोपुर के रुस्तमपुर गांव में बाढ़ प्रभावित लोगों ने सरकारी सुविधा नहीं मिलने पर हंगामा किया. स्थानीय प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की. लोगों ने कहा कि पिछले कई दिनों से गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है. स्थानीय प्रशासन के द्वारा नाव एवं तमाम सरकारी सुविधा उपलब्ध नहीं कराया गया है. नाव उपलब्ध नहीं होने के कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है. स्थानीय धर्मदेव राय, आनंद कुमार, राकेश राज, सुरेंद्र राय, मनोज राय, दिव्यांगजन के प्रखंड अध्यक्ष गुड्डू कुमार, कुंदन कुमार, मिथिलेश कुमार, पिंटू कुमार सहित अन्य लोगों ने स्थानीय एवं जिला प्रशासन से अविलंब पर्याप्त नाव उपलब्ध कराने की मांग की. स्थानीय लोगों ने बिहार सरकार से बात ग्रस्त क्षेत्र घोषित कर सरकारी सुविधा उपलब्ध कराने की मांग.राघोपुर में 18 पंचायतों में बिजली की आपूर्ति बंद
राघोपुर प्रखंड में बाढ़ के कारण 18 पंचायत में बिजली की आपूर्ति विभाग के द्वारा बंद कर दी गई है, यह जानकारी कनीय विद्युत अभियंता रूपेश कुमार ने दी. इन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण विभाग के वरीय पदाधिकारी एवं स्थानीय प्रशासन के आदेशानुसार पटना के कटरा ग्रिड से 33 केवी का लाईट बंद कर दिया गया है. बीरपुर में पांच ट्रांसफार्मर, राघोपुर पूर्वी एवं पश्चिम में 19 ट्रांसफार्मर, चक सिंगार में पांच ट्रांसफार्मर, पहाड़पुर पूर्वी पश्चिमी में आठ ट्रांसफार्मर, जुड़ावनपुर में सात ट्रांसफार्मर, जाफराबाद में 15 ट्रांसफार्मर, बहरामपुर में 17 ट्रांसफार्मर एवं जहांगीरपुर में छह ट्रांसफार्मर बिजली आपूर्ति बंद की गई है.
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