गोपालगंज. जिले में इस बार अप्रैल महीने में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गयी है, जिसका कृषि क्षेत्र मिला-जुला असर पड़ा है. कृषि विभाग द्वारा जारी आंकड़ा के अनुसार, एक से 19 अप्रैल तक सामान्य वर्षापात 10.6 मिमी था, जबकि इस दौरान वास्तविक वर्षापात 33 मिमी दर्ज किया गया.
यानी सामान्य से 22.4 मिमी अधिक बारिश हुई है. बारिश के साथ तेज आंधी और कुछ क्षेत्रों में ओलावृष्टि भी हुई, जिससे गेहूं की फसलों को खासा नुकसान पहुंचा है. वहीं दूसरी ओर, गन्ना तथा मक्के के पौधों को इस मौसम से लाभ हुआ है. कृषि विभाग के अनुसार नौ अप्रैल तक जिले में बारिश शून्य थी. इसके बाद 10 अप्रैल को 5.7 मिमी, 11 अप्रैल को 10.8 मिमी, 14 अप्रैल को 8.8 मिमी, 18 अप्रैल को 7.5 मिमी और 19 अप्रैल को 0.54 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गयी. मौसम विभाग ने भी 19 अप्रैल तक के लिए बारिश और आंधी का अलर्ट जारी किया था. इसको ध्यान में रखते हुए जिले में कृषि विभाग ने सतर्कता बरती और किसानों को पहले से चेतावनी दी गयी थी.कृषि विभाग के सर्वे में फसलों को 33 प्रतिशत से कम नुकसान
जिला कृषि पदाधिकारी ललन कुमार सुमन ने बताया कि 19 अप्रैल तक फसल क्षति का सर्वेक्षण किया गया है. उन्होंने बताया कि जिले के विभिन्न हिस्सों में बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ है, लेकिन यह नुकसान कुल क्षेत्रफल का 33 प्रतिशत से अधिक नहीं है. यदि किसी क्षेत्र में फसलों को 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है, तो विभाग द्वारा मुआवजा दिया जायेगा.कृषि विभाग की अपील : दौनी के बाद गेहूं को सुखाएं, तब करें स्टोर
बारिश, आंधी और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल के नुकसान के बाद कृषि वैज्ञानिकों और कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों को गेहूं को स्टोर करने से पहले सावधानी बरतने की सलाह दी है. फसल विशेषज्ञ वैज्ञानिक श्रीप्रिया दास ने कहा कि गेहूं की कटाई के बाद दौनी कर उसे अच्छी तरह सुखाएं उसके बाद ही भंडारण करें. क्योंकि अधिक नमी के कारण गेहूं के खराब होने की संभावना बनी रहती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है