बरौली. तीन दिनों की उपासना के बाद मां काली की प्रतिमा का विसर्जन सोमवार को कर दिया गया. सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मां काली की प्रतिमा को ढोल-बाजे के साथ नाचते-गाते प्रेमनगर आश्रम स्थित जलाशय पर ले गये, जहां अंतिम पूजन के बाद मां की प्रतिमा का विसर्जन कर दिया गया. इस बीच तीन दिनों तक शहर पूरी तरह गुलजार रहा तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम से शहर का वातावरण संगीतमय बना रहा. एक तरफ रात्रि में जहां गीत संगीत की भक्तिमय दुनिया में श्रोता डूबे रहे. वहीं दिन में फरी की नाच ने दर्शकों को मुग्ध किया. सबसे अधिक प्रभावित फरी वालों ने ही किया और इनके अनोखे करतब देख लोग दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर होते रहे. अंतिम दिन पूरे बाजार में विसर्जन जुलूस निकला, जिसमें हाथी, घोड़े, ऊंट, बैंडबाजा और पटाखों की आवाज के बीच डीजे की धुन पर युवा अबीर-गुलाल एक-दूसरे को लगाते और थिरकते रहे तथा मां काली को विदाई दी गयी. हालांकि माता को विदाई बुधवार की शाम को हींदे दी गयी थी, लेकिन विसर्जन गुरुवार को किया गया. बुधवार को पूरा बरौली बाजार सांस्कृतिक कार्यक्रमों की आवाज से गूंजता रहा और देर रात तक दर्शक रंगारंग कार्यक्रम तथा दिन में फरी की नाच का आनंद लेते रहे. पूजा के आयोजन को सफल बनाने में नारद चौधरी, अमन पटेल, आकाश पटेल, सुजीत कुमार, विपुल यादव, जीगर कुमार, वीरेन्द्र साह, अरविंद साह, सुरेन्द्र यादव सहित दर्जनों युवा लगे रहे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

