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बादलों की आवाजाही के बीच उमस से बेचैन रहे लोग

बुधवार की रात में हुई बारिश के बाद लोगों को उम्मीद था कि माॅनसून सक्रिय हो जायेगा. गुरुवार की सुबह मौसम खुशगवार हो गया. प्रचंड गर्मी झेल रहे लोगों को राहत मिली. अब फिर मौसम का मिजाज चढ़ गया. रविवार की सुबह से शाम तब आसमान में बादलों की आवाजाही बनी रही.

गोपालगंज. बुधवार की रात में हुई बारिश के बाद लोगों को उम्मीद था कि माॅनसून सक्रिय हो जायेगा. गुरुवार की सुबह मौसम खुशगवार हो गया. प्रचंड गर्मी झेल रहे लोगों को राहत मिली. अब फिर मौसम का मिजाज चढ़ गया. रविवार की सुबह से शाम तब आसमान में बादलों की आवाजाही बनी रही. 14.1 किमी की रफ्तार से पुरवा हवा भी चली, जो बादलों को भगा ले गयी. दिनभर बादल व सूर्यदेव में लुका-छिपी का खेल चलता रहा. ऐसे में लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत नहीं मिली. लोग पंखा, कूलर, एसी में राहत तलाशते नजर आये. गांवों में भी लोग पेड़ों के नीचे मिले. दिन तो छोड़ दीजिए रात में भी राहत नहीं मिल पा रही. मौसम की बेरुखी लोगों की जान पर बन आयी है. उधर, बारिश नहीं होने से किसानों की खेती कुप्रभावित हो रही है. किसान आसमान की ओर टकटकी लगाये हुए हैं. बारिश होने पर खरीफ की बोआई शुरू हो जायेगी. किसानों का बिचड़ा भी खराब होने लगा है. मौसम विज्ञानी डॉ एसएन पांडेय ने बताया कि रविवार को अधिकतम तापमान 39.2 तो रात का पारा 30.6 डिग्री पर पहुंच गया. लेकिन हीट इंडेक्स ने 41 डिग्री जैसी गर्मी का एहसास कराया. रात में उमस हावी होने से लोग बेचैन रहे. आर्द्रता 59% दर्ज की गयी. वहीं बंगाल की खाड़ी से आ रही नमीयुक्त पुरवा हवा के प्रभाव से 25 जून से मेघ गर्जन के साथ तेज झोंकेदार हवा चलेगी. इसी के साथ माॅनसून हावी हो जायेगा. क्रमिक रूप से सप्ताह भर तक हल्की व तेज बारिश का सिलसिला जारी रहेगा. सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ आरएन त्रिपाठी ने बताया कि 25 डिग्री से लेकर 35 डिग्री सेल्सियस तापमान तक हृदय सामान्य तरीके से काम करता है. जैसे ही तापमान 35 डिग्री से अधिक होता है, हृदय की मेटाबोलिक और एंजाइम गतिविधियां प्रभावित होने लगती हैं. 38 डिग्री से अधिक तापमान होने पर शरीर और बाहर के तापमान में तालमेल बैठाने के लिए हृदय का बेसल मेटाबोलिक रेट बढ़ जाता है. खून का बहाव अधिक करने के लिए धमनियां फैल जाती हैं. हार्ट रेट बढ़ता है. सामान्य तौर पर हृदय प्रति मिनट पांच लीटर खून पंप करता है, लेकिन इस स्थिति में हृदय को सात से 10 लीटर खून पंप करना पड़ता है. धड़कन सामान्य 72 से बढ़कर 120 तक चली जाती है. इसी में हृदयाघात की स्थिति आ सकती है.

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