27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ठेकेदार शंभू मिश्र के हत्याकांड में मन्नू तिवारी को मिली उम्रकैद की सजा

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश 16 शेफाली नारायण के कोर्ट ने ठेकेदार शंभू मिश्र की हत्या में दोषी पाते हुए हथुआ थाने के नयागांव तुलसिया के मन्नू तिवारी को उम्रकैद की सजा सुनायी.

गोपालगंज.

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश 16 शेफाली नारायण के कोर्ट ने ठेकेदार शंभू मिश्र की हत्या में दोषी पाते हुए हथुआ थाने के नयागांव तुलसिया के मन्नू तिवारी को उम्रकैद की सजा सुनायी. साथ ही 20 हजार का जुर्माना व आर्म्स एक्ट में चार साल के सश्रम कारावास तथा पांच हजार रुपये के जुर्माने का फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि अगर जुर्माने की राशि नहीं दे सके, तो छह माह की अतिरिक्त कैद बामुशक्कत सजा काटनी होगी. अभियोजन पक्ष से एपीपी प्रेम वर्मा तथा बचाव पक्ष से अधिवक्ता विनय कुमार मिश्र की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. कोर्ट के इस फैसले के बाद मन्नू तिवारी को न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया. सजा को लेकर कोर्ट की सुरक्षा को भी बढ़ा दिया गया था. उधर, मन्नू तिवारी के अधिवक्ता विनय मिश्रा ने कहा कि कोर्ट के फैसले का स्वागत है, लेकिन इस फैसले काे हाइकोर्ट में चुनौती देंगे.

सरेआम गोलीमार की गयी थी हत्या9 मई 2020 को कटेया थाने के बभनी गांव निवासी ठेकेदार शंभू मिश्र की उचकागांव थाने के बरवा मठ के पास स्थित किसान भवन पर सुबह टहल कर लौटने के दौरान सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. मामले को लेकर नयागांव तुलसिया गांव के अतुल उपाध्याय ने उचकागांव थाने में मन्नू तिवारी, नागेंद्र यादव, सोनू यादव, उमेश शाही तथा मुकुल राय तथा जादोपुर थाने के विशुनपुर गांव के अजीत राय के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी. ठेकेदार शंभू मिश्रा की हत्या भी गैंगवार में वर्चस्व को कायम करने की नीयत से की गयी थी. हत्या के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया था.

कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में इनको किया बरीकोर्ट में साक्ष्य के अभाव में पूर्व जिला पार्षद मुकुल राय सहित पांच को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. नयागांव तुलसिया के नागेंद्र यादव, सीवान जिले के हुसैनगंज थाने के सरेया बिक्री घाट के सोनू यादव, हथुआ थाने के चैनपुर गांव के उमेश शाही तथा भोरे थाने के कोरेया गांव के मुकुल राय को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था.

सीआइडी जांच को सीजेएम कोर्ट ने मानने से किया था इन्कार

पुलिस जांच के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने जांच का जिम्मा सीआइडी को सौंप दिया था. सीआइडी ने जांच के बाद मन्नू तिवारी तथा सोनू यादव के खिलाफ आरोप पत्र दायर करते हुए शेष आरोपितों का नाम अनुप्रेषित कर दिया था. सीआइडी द्वारा अन्य आरोपितों का नाम अनुप्रेषित करते हुए मात्र दो आरोपितों के खिलाफ दायर आरोप पत्र पर सुनवाई करते हुए तत्कालीन सीजेएम चंद्रमणि कुमार के कोर्ट ने प्राथमिकी के सभी आरोपितों के खिलाफ संज्ञान ले लिया था. बाद में आरोपितों द्वारा दाखिल रिवीजन पर सुनवाई करते हुए तत्कालीन एडीजे पांच विश्व विभूति गुप्ता के कोर्ट ने सभी नामजद आरोपितों के खिलाफ सीजेएम द्वारा लिये गये संज्ञान को सही ठहराते हुए अन्य आरोपितों की तरफ से दायर रिवीजन को सेट एसाइड कर दिया था, जिसके बाद मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही थी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें