भोरे. बागेश्वर धाम के बाबा पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का हनुमत कथा को लेकर प्रशासन के अफसर हाइअलर्ट मोड़ में है. चप्पे- चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की गयी है. जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कड़े इंतजाम किये हैं. कार्यक्रम स्थल पर पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के चाक-चौबंद इंतजाम किये हैं. पुलिस ने एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया है, जहां डीएसपी समेत कई अन्य पुलिस अधिकारी तैनात किये गये हैं.
जांच के लिए लगाये गये मेटल डिटक्टर
इसके अलावा, मेटल डिटेक्टर लगाये गये हैं, ताकि आने-जाने वाले श्रद्धालुओं की जांच की जा सके और कोई भी संदिग्ध वस्तु कार्यक्रम स्थल में न पहुंचे. रैपिड एक्शन फोर्स (रैफ) के साथ-साथ कई जिलों से अतिरिक्त पुलिस बल भी मंगाया गया है ताकि सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया जा सके. जिला प्रशासन की ओर से हनुमत कथा स्थल को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है. एडीएम राधाकांत, हथुआ एसडीएम अभिषेक कुमार, एसडीपीओ आनंद मोहन गुप्ता और डीएसपी पूजा कुमारी समेत कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इस आयोजन की सुरक्षा को लेकर मौके पर तैनात हैं.
पं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हनुमत कथा में मेडिकल कैंप लगा
बागेश्वर धाम के प्रसिद्ध बाबा पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री गुरुवार से 10 मार्च तक होने वाली कथा रामनगर मठ में शुरू हो गया. इस धार्मिक आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है. हनुमान जी की महिमा को बयां करने वाली इस कथा में श्रद्धालु दूर-दूर से भाग लेने के लिए आ रहे हैं. विशाल आयोजन में लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर मेडिकल कैंप की व्यवस्था की गयी है, जहां चिकित्सा पदाधिकारी रिशु कुमार ने बताया कि अस्वस्थ हुए लोगों का समुचित इलाज किया जायेगा. साथ ही, एंबुलेंस सेवाएं भी अलर्ट मोड में रखी गयी हैं, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत सहायता मिल सके.
मुगल सम्राट औरंगजेब की प्रशंसा पर डॉ शांति राय ने जतायी चिंता
पद्मश्री और बिहार की प्रख्यात चिकित्सक डॉ शांति राय ने पं धीरेंद्र शास्त्री की हनुमत कथा हनुमानजी की आरती की. इसके बाद पांच दिवसीय हनुमत कथा का आयोजन शुरू हुआ. इस खास मौके पर डॉ शांति राय ने इसे हनुमानजी की कृपा मानते हुए आयोजन में भाग लिया. उनके साथ उनकी पुत्री डॉ सोनाली और बहू डॉ सारिका राय और बेटे भी उपस्थित थे. पद्मश्री डॉ शांति राय ने इस अवसर पर मुगल सम्राट औरंगजेब की प्रशंसा पर चिंता जतायी. उन्होंने कहा कि औरंगजेब ने मंदिरों को ध्वस्त किया और सनातन धर्म का अपमान किया, ऐसे व्यक्ति की प्रशंसा करना उचित नहीं है. डॉ राय ने जोर देकर कहा कि औरंगजेब ने हिंदू धर्म और संस्कृति को नुकसान पहुंचाया. ऐसे लोगों की तारीफ नहीं की जानी चाहिए. उनका कहना था कि भारत में कई महापुरुष हैं, जिन्होंने सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति को बचाये रखा है. ऐसे महापुरुषों की प्रशंसा करनी चाहिए. औरंगजेब जैसे मुग़ल शासकों की कभी प्रशंसा न करने की बात कही, क्योंकि उन्होंने भारत की संस्कृति, धर्म और आस्था को बहुत नुकसान पहुंचाया. यह आयोजन न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि यह एक संदेश भी था कि हमें अपने इतिहास और संस्कृति की रक्षा करनी चाहिए और उसकी सम्मानजनक उपासना करनी चाहिए.
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