गोपालगंज. जिले में कार्डियक अरेस्ट तेजी से बढ़ रहा है. मौसम बदलने और दवा का नियमित सेवन नहीं करने से लोग कार्डियक अरेस्ट के शिकार हो रहे हैं. शुक्रवार को कुछ ही घंटे के अंतराल में छह लोग कार्डियक अरेस्ट के शिकार हुए, जिनमें एक शिक्षक की अस्पताल पहुंचने से पहले मौत हो गयी, वहीं पांच में दो मरीजों को बेहतर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया.
खानपान में परहेज करने की डॉक्टर दे रहे सलाह
स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर ऐसे मौसम में लोगों से खानपान में सावधानी बरतने और परहेज करने के साथ ही दवा का नियमित सेवन करने के लिए अपील कर रहे हैं. सदर अस्पताल में गुरुवार की रात में सीवान के नौतन थाना क्षेत्र के कीलपुर मठिया गांव के रहनेवाले पवन शर्मा की तबीयत बिगड़ गयी.
इलाज के बाद डॉक्टर ने कर दिया था डिस्चार्ज, फिर तबीयत बिगड़ी
परिजनों के अनुसार, राजेंद्र बस स्टैंड स्थित मकान से सदर अस्पताल में लाया गया, जहां डॉक्टर ने इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया. शुक्रवार की सुबह में अचानक से कार्डियक अरेस्ट हुआ और आनन-फानन में पवन शर्मा को सदर अस्पताल में लाया गया, जहां डॉ संतोष कुमार, डॉ कुंदन कुमार ने मृत घोषित कर दिया. परिजनों के मुताबिक पवन शर्मा बंजारी में किसी निजी विद्यालय के शिक्षक थे. डॉक्टरों के अनुसार कार्डियक अरेस्ट के लक्षण छाती में दबाव, सिकुड़न, भरापन या दर्द या शरीर के ऊपरी हिस्से के अन्य भागों में दर्द या बेचैनी, जैसे हाथ, पीठ, गर्दन, जबड़ा या पेट में दर्द या बेचैनी होना बताया गया है.
पॉल्यूशन खराब श्रेणी में रहने से टेंशन
हृदय रोगियों के लिए पॉल्यूशन का बढ़ना खतरनाक है. सांस से संबंधित मरीज पॉल्यूशन से परेशान हैं. शुक्रवार को एक्यूआइ यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब श्रेणी में मापा गया. प्रदूूषण का स्तर बढ़ने की वजह से भी सांस के मरीजों की परेशानी बढ़ गयी है. नगर परिषद की ओर से कूड़ा-कचरा बंजारी और भोजपुरवा के अलावा चिराई घर के पास डंप किये जाने और उसमें से निकल रही जहरीली गैस से परेशानी बढ़ गयी है.
कार्डियक अरेस्ट के कारण
-हृदय में सांस प्रणाली में खराबी-हृदय की मांसपेशियों का सूजन-हृदय रोग या जन्मजात हृदय विकार
-अत्यधिक शराब पीना-अत्यधिक शारीरिक परिश्रम
-गंभीर भावनात्मक आघात-इन्फ्लूएंजा संक्रमण होना
-अनहेल्दी लाइफस्टाइल-गलत खानपान व स्मोकिंग
क्या कहते हैं सिविल सर्जन
हृदय रोगियों के लिए सावधानी जरूरी है. दवा का नियमित सेवना करना है. समय-समय पर जांच कराकर डॉक्टर से सलाह लेनी है. ओपीडी और इमरजेंसी वार्ड में नियमित डॉक्टर मिलेंगे. हृदय रोगियों की इलाज के लिए तमाम सुविधाएं अस्पताल में उपलब्ध हैं.डॉ बीरेंद्र प्रसाद, सीएस, गोपालगंज
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है