गोपालगंज. जिले में पर्यावरण संरक्षण के लिए वन विभाग ने पहली बार गंडक नदी के तटवर्ती इलाके में ग्रीन बेल्ट बनाने का निर्णय लिया है. डीएम पवन कुमार सिन्हा के स्तर से सदर प्रखंड के रामपुर टेंगराही में गंडक नदी के तट पर 10 एकड़ जमीन वन विभाग को सौंपने की तैयारी कर ली गयी.
सीओ के स्तर पर हो चुका है जमीन का सत्यापन
जमीन का सत्यापन भी सदर सीओ रजत वर्णवाल के स्तर से किया जा चुका है. बुधवार को डीएम के साथ अपर समाहर्ता राजेश्वरी पांडेय, डीएफओ के साथ मंथन करने के बाद सहमति भी बन गयी कि रामपुर टेंगराही की खाली पड़ी जमीन पर ग्रीन बेल्ट का निर्माण किया जाये. डीएम का यह कदम जिले की खराब हो रहे आबोहवा को भी सुधारने में काफी महत्वपूर्ण साबित होगी. पिछले वर्ष अक्तूबर 2024 से फरवरी 2025 तक गोपालगंज का एक्यूआइ लेवल खतरनाक स्थिति में बना रहा. एक्यूआइ का लेवल 280 से 470 तक पहुंच गया था. आबोहवा में सुधार के प्रति कभी भी ठोस उपाय नहीं किया गया. अब वन विभाग की ओर से ग्रीन बेल्ट रामपुर टेंगारही में बनाने की सहमति से जिले की स्थिति में बदलाव लायेगा.
गंडक नदी का तट होगा मनोरम
रामपुर टेंगराही के जिस जमीन का चयन ग्रीन बेल्ट बनाने के लिए लिया गया है. उसके पास से ही गोपालगंज से बेतिया को जोड़ने वाली हाइवे क्रांस करेगा. एक तरफ नदी, तो दूसरे तरफ सड़क काफी मनोरम होगी. यहां वन विभाग पौधा लगाकर भव्य बनायेगा.बाइपास सड़क निर्माण के बाद लिया गया निर्णय
शहर को नया बाइपास सड़क निर्माण के दौरान पेड़ों की कटाई की जरूरत है. वन विभाग ने अनुमति देने से पहले ग्रीन बेल्ट बनाने के लिए प्रशासन से प्रस्ताव रखा. बगैर ग्रीन बेल्ट बनाये पेड़ों की कटाई पर चिंता जतायी. वन विभाग के इस प्रस्ताव के बाद डीएम ने सदर प्रखंड में जमीन की तलाश कर उसपर ग्रीन बेल्ट बनाने की सहमति दे दी.गंडक नदी के तट पर बनेगा ग्रीन बेल्ट
सदर सीओ रजत वर्णवाल ने बताया कि गंडक नदी के तट पर ग्रीन बेल्ट बनाने का प्रस्ताव डीएम सर के तरफ से दिया गया है. 10 एकड़ जमीन को ट्रांसफर करने की प्रक्रिया चल रही है.ग्रीन बेल्ट लगाने के प्रमुख फायदों को समझें
– ग्रीन बेल्ट शहरी क्षेत्रों के तापमान को नियंत्रित करने में भी मदद करता है– ग्रीन बेल्ट से पर्यावरण संरक्षण, वायु और जल की गुणवत्ता में होगा सुधार- वन्यजीवों के आवास की रक्षा, शहरी फैलाव को रोकना
-यह पर्यावरण को बेहतर बनाता है, बाढ़ के जोखिम को कम करता है- लोगों को पैदल- साइकिल से चलने पर मनोरम हरियाली का अनुभव करने के अवसर प्रदान करेगा-ग्रीन बेल्ट भूमि को कृषि और बागवानी के लिए आरक्षित होगा, कृषि और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा
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