गोपालगंज. राजस्थान और मध्य प्रदेश में कई बच्चों की मौत कफ सिरप के पीने से मौत के बाद ड्रग विभाग गोपालगंज में भी हाइअलर्ट मोड में आ गया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सभी जिलों को अलर्ट कर दिया है. गोपालगंज जिले में भी स्वास्थ्य विभाग ने सख्ती शुरू कर दी है.
गड़बड़ी मिलने पर होगी बड़ी
कार्रवाई
मंगलवार को ड्रग विभाग की टीम ड्रग इंस्पेक्टर अभय शंकर के नेतृत्व में पंचदेवरी की दुकानों पर छापेमारी की. कफ सिरप की जांच के नमूने एकत्र किये. मंगलवार को कफ सिरप व दूसरी दवाओं का निर्माण करने वाली फर्मों की दवाओं के नमूने जांच के लिए एकत्र किये गये हैं. नमूने जांच के लिए राजकीय प्रयोगशाला भेजे गये हैं. जांच में नमूने अधोमानक मिले, तो संबंधित के खिलाफ बड़ी कार्रवाई होगी. जिले के मेडिकल स्टोरों पर जांच तेज हो गया है. स्रेसन फार्मास्युटिकल्स द्वारा निर्मित सभी कफ सिरप की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया गया है. अगर कोई भी दुकानदार उसे बेच रहा है, तो उसपर तत्काल कार्रवाई भी की जायेगी. ड्रग विभाग की टीम ने अभी तक 35 दुकानों की जांच का दावा किया है. इसमें एक भी ऐसे प्रतिबंधित दवा नहीं मिली है. कुछ कफ सिरप को जब्त कर जांच के लिए भेजा गया है.
कोल्ड्रिफ में घातक तत्व
तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित स्रेसन फार्मा की निर्माण इकाई से लिये गये कोल्ड्रिफ़ कफ सिरप के सैंपलों की जांच में डीइजी की मात्रा अनुमेय सीमा से अधिक पायी गयी. इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने इस खांसी की दवा की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया और बाजार से स्टॉक हटाने का आदेश जारी किया. उस दवा की बिक्री गोपालगंज में भी हो रही थी. इसपर विभाग अब एक्शन मोड में है.
पटना की लेबोरेटरी में होगी जांच
प्रदेश भर से दवा के सैंपल कलेक्ट कर पटना की लेबोरेटरी में जांच होगी. जांच में गड़बड़ी मिलने पर तत्काल एफआइआर कर कार्रवाई की जायेगी. नकली दवा बेचने वाले दुकानदार पर भारत में औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई हो सकती है, जिसमें भारी जुर्माना और कई साल की जेल शामिल है. पकड़े जाने पर दुकानदार को दंडित किया जा सकता है और पीड़ित उपभोक्ता राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
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