गोपालगंज. डीएम पवन कुमार सिन्हा के निर्देश पर विधानसभा चुनाव के सफल, पारदर्शी एवं सुचारु संचालन के लिए मंगलवार को जरूरी प्रशिक्षण दिया गया. कलेक्ट्रेट के सभागार में निर्वाचन व्यय अनुश्रवण से संबंधित विभिन्न टीमों का गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया.
व्यय लेखा संधारण, रिपोर्टिंग की प्रक्रिया की दी गयी जानकारी
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में असिस्टेंट एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर, वीडियो सर्विलांस टीम, वीडियो व्यूइंग टीम तथा अकाउंटिंग टीम के सदस्यों को निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान व्यय लेखा संधारण, रिपोर्टिंग की प्रक्रिया, अभ्यर्थियों द्वारा व्यय की पारदर्शिता बनाये रखने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देशों एवं आदर्श आचार संहिता के अनुपालन की विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी. प्रशिक्षण में उपस्थित उप निर्वाचन पदाधिकारी डॉ शशि प्रकाश राय, नोडल पदाधिकारी (व्यय अनुश्रवण) प्रशांत कुमार झा तथा अन्य जिलास्तरीय अधिकारियों ने सभी टीमों को उनके कर्तव्यों एवं दायित्वों के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित व्यय सीमा के तहत (विधान सभा निर्वाचन में 40 लाख) अभ्यर्थियों द्वारा किये जा रहे खर्चों की सघन निगरानी की जायेगी तथा किसी भी प्रकार की अनियमितता पाये जाने पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी.
शैडो ऑब्जर्वेशन रजिस्टर बनाना जरूरी
उप निर्वाचन पदाधिकारी डॉ शशि प्रकाश ने एक-एक कर सभी टीम के कार्य एवं दायित्वों को विस्तारपूर्वक बताया. साथ ही दैनिक प्रतिवेदन से संबंधित प्रपत्रों की जानकारी भी दी गयी. उन्होंने बताया कि अभ्यर्थी द्वारा नाम निर्देशन पत्र दाखिल करने के साथ ही संबंधित कैंडिडेट की व्यय विवरणी संधारण बेहद गंभीरता पूर्वक करना जरूरी है. सामग्रियों की अधिसूचित दर के आधार पर लेखा का संधारण और शैडो ऑब्जर्वेशन रजिस्टर बनाना प्रत्येक सहायक व्यय ऑब्जर्वर की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है. प्रशिक्षण के दौरान यह भी बताया गया कि सभी टीमें आपसी समन्वय से कार्य करते हुए समय पर सटीक रिपोर्टिंग सुनिश्चित करेंगी. वीडियो रिकॉर्डिंग, ग्राउंड निगरानी, बिल, वाउचर सत्यापन और वास्तविक व्यय की तुलना जैसे बिंदुओं पर विशेष प्रशिक्षण दिया गया.
व्यय अनुश्रवण कोषांग को सौंपी गयी जिम्मेदारी
उप निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि व्यय अनुश्रवण कोषांग चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता बनाये रखने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. सभी संबंधित कर्मियों से अपेक्षा की गयी कि वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूर्ण निष्ठा और निष्पक्षता से करेंगे. प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंत में अधिकारियों द्वारा प्रतिभागियों की शंकाओं का समाधान किया गया तथा उन्हें निर्वाचन से संबंधित अद्यतन दिशा-निर्देशों से अवगत कराया गया.
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