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Gopalganj News : पं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने की प्रेत दरबार की घोषणा, तो बेकाबू हुए लोग

दिव्य दरबार सजा में करीब पांच लाख श्रद्धालु पहुंचे. भीड़ इतनी थी कि पैर रखने तक की जगह नहीं थी. जैसे ही बागेश्वर धाम सरकार ने प्रेत दरबार शुरू किया, अचानक प्रेत बाधा से ग्रसित लोग चीखने-चिल्लाने लगे. भीड़ इस कदर बेकाबू हुई कि लोगों ने वीआइपी एरिया के लिए बनी बैरिकेडिंग को तोड़ दिया.

भोरे. भोरे प्रखंड की हुस्सेपुर पंचायत के रामनगर गांव स्थित राम जानकी मठ में शनिवार की दोपहर को पं. धीरेंद्र शास्त्री का दिव्य दरबार सजा, जिसमें करीब पांच लाख श्रद्धालु पहुंचे. इतनी भीड़ थी कि पैर रखने तक की जगह नहीं थी. इस दौरान 16 लोगों की पर्ची निकली. जैसे ही बागेश्वर धाम सरकार ने प्रेत दरबार शुरू किया, अचानक प्रेत बाधा से ग्रसित लोग चीखने-चिल्लाने लगे. भीड़ इस कदर बेकाबू हुई कि लोगों ने वीआइपी एरिया के लिए बनी बैरिकेडिंग को तोड़ दिया. दिव्य दरबार के कार्यक्रम को बंद करना पड़ा.

मंत्र पढ़ते ही भागने लगे इधर-उधर

दिव्य दरबार के दौरान ही अचानक उन्होंने प्रेत दरबार की घोषणा की. प्रेत दरबार की घोषणा जैसे ही की और एक मंत्र पढ़ा कि अचानक लोगों की भीड़ में मौजूद वैसे लोग जिन पर कुछ बुरी शक्तियों का प्रभाव था. वे सभी बेकाबू हो गये. बाद में उन्हें पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने दरबार में बुलाया और सब का इलाज किया. उन्होंने बताया कि उनके ऊपर जो बाधा थी, उसे दूर कर दी गयी है. अब कभी नहीं आयेगी. इधर, प्रेत दरबार जैसे ही शुरू हुआ कि अगल-बगल बने पंडाल के लोग बेकाबू हो गए और वीआइपी एरिया की तरफ दौड़ने लगे. आने के बाद उन्होंने साइड से लगी बैरिकेडिंग को तोड़ दिया और अंदर घुस गये. वीआइपी एरिया में इतनी ज्यादा भीड़ हो गयी कि लोगों की हालत खराब हो गयी. पुलिस उन्हें काबू करने में लग गयी. स्थिति को देख पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बार-बार मंच से लोगों को समझाते रहे, लेकिन लोग जय श्री राम के नारे लगाते रहे. इसके बाद उन्होंने कहा कि जब भीड़ शांत हो जायेगी तब वे कथा करेंगे, अब दिव्या दरबार को समाप्त किया जाता है. इसके बाद दिव्य दरबार को समाप्त कर दिया.

हम नालायक हैं, हमारे नहीं बाला जी के चक्कर में पड़िए

पं. धीरेंद्र शास्त्री ने दरबार में पहुंचते ही भगवान हनुमान जी की आराधना की और श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया. पंडित शास्त्री का दरबार श्रद्धा और विश्वास से भरा हुआ था, जहां हर कोई भगवान हनुमान जी और बालाजी जी के दर्शन के लिए उमड़ा हुआ था. उन्होंने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा, यह दरबार केवल एक बहाना है, लेकिन मकसद यह है कि यहां आए सभी हिंदुओं को हनुमान जी और बालाजी जी के दर्शन कराये जाये. हम हिंदू समाज को कभी भी झुकने नहीं देंगे. , हम नालायक हैं, हमारे चक्कर में मत पड़िए, हम जिस बालाजी के चक्कर में पड़े हैं, उनके चक्कर में पड़िए. 16 लोगों की लगी अर्जी, एकता और समाज के सशक्तीकरण का संदेश दिया : दरबार में पंडित शास्त्री ने कुछ विशेष अर्जियां भी प्रस्तुत की. बाबा के दिव्य दरबार में पहली अर्जी नीले रंग की शर्ट पहने रवि नामक व्यक्ति की है, तीसरी अर्जी दीपक नामक बालक की है और चौथी अर्जी सबसे अंतिम छोर में राजू सिंह, पिता माधव प्रसाद की लगी. इसके बाद बाबा ने आशीर्वाद दिया. इस दिव्य दरबार में पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने एकता और समाज के सशक्तीकरण का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि सनातन समाज को कभी भी विभाजित नहीं होने दिया जाएगा और वे हमेशा धर्म की रक्षा करेंगे. अर्जी वाले लोगों को वे अपने पास बुलाते रहे, और उनकी समस्या तथा समाधान भी बताते रहे.

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