गड़बड़झाला. एक आदेश पर तीसरी बार शिक्षकों के नियोजन में जुटा शिक्षा विभाग
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कुचायकोट में 54 पदों पर नियोजन की तैयारी
गड़बड़झाला. एक आदेश पर तीसरी बार शिक्षकों के नियोजन में जुटा शिक्षा विभाग शिक्षक नियोजन शुरू से ही विवादों में रहा है. कुचायकोट शिक्षक नियोजन इकाई ने अब बचे हुए पदों पर नियोजन की मुहिम तेज कर दी है. गोपालगंज : शिक्षक बनने का सपना पाल रखे अभ्यर्थी वर्ष 2008 से नियोजन इकाई के पैतरों […]
शिक्षक नियोजन शुरू से ही विवादों में रहा है. कुचायकोट शिक्षक नियोजन इकाई ने अब बचे हुए पदों पर नियोजन की मुहिम तेज कर दी है.
गोपालगंज : शिक्षक बनने का सपना पाल रखे अभ्यर्थी वर्ष 2008 से नियोजन इकाई के पैतरों से आजिज आ चुके हैं. यह तीसरा मौका है जब नियोजन इकाई नियोजन की तैयारी को अंतिम रूप देने में लगी है. एक-एक सीट के लिए सौदा किया जा रहा है. नियोजन इकाई के नाम पर दो शिक्षकों समेत छह माफिया अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर नियोजन कराने का झांसा दे रहे हैं. कहीं इस बार भी ठगी के शिकार न हो जाएं इसकी चिंता अभ्यर्थियों को सता रही है.
शिक्षक नियोजन के नाम पर वर्ष 2008 से अब तक पैसों का खेल चलता रहा है. तत्कालीन प्रखंड प्रमुख के बेटे पर पैसा लेकर नियोजन नहीं कराने के आरोप में सीजेएम के कोर्ट में कई मुकदमे दाखिल हो चुके हैं. एक बार फिर नियोजन इकाई चयन सूची को अपने ढंग से बना कर नियोजन पत्र बांटने की तैयारी में है. सूत्रों का दावा है कि सेटिंग की बदौलत नियोजन की सूची तैयार की गयी है.
नियोजन में नियम का उड़ा मखौल : वर्ष 2008 में कुचायकोट में 207 सीटों पर शिक्षकों का नियोजन करना था. समय पर मेधा सूची का प्रकाशन नहीं होने के कारण नियोजन अधर में लटक गया. बाद में 2012 में हाइकोर्ट ने अपीलीय प्राधिकार को निर्णय देने का आदेश दिया. अपीलीय प्राधिकार ने वर्ष 2013 में डीइओ की मौजूदगी में काउंसेलिंग कराने का निर्देश दिया. प्राधिकार के आदेश पर 28 सितंबर, 2014 को तत्कालीन बीडीओ मनोज कुमार पड़ित, बीइओ मीरा कुमारी, ब्लॉक प्रमुख सुशीला देवी ने 125 अभ्यर्थियों को नियोजन पत्र दिया. बाकी अभ्यर्थी अपना मूल प्रमाणपत्र नहीं दे सके जिससे उनका नियोजन नहीं हो सका. इस बीच बीडीओ का तबादला हो गया. बीडीओ दृष्टी पाठक ने जांच के
बाद 30 मार्च, 2015 को 30
शिक्षकों को फिर नियोजन पत्र दिये. शेष सीटों पर नियोजन नहीं हो सका. इस बीच नियोजन के एक सप्ताह
बाद बरनैया से चिंतु कुमारी ने
इस्तीफा दे दिया, जबकि जून, 2015 में तुला छापर मध्य विद्यालय में तैनात शिक्षक फकरे आलम की मौत हो गयी, जिससे कुचायकोट में कुल 54 सीटें रिक्त हैं.
प्राधिकार ने बीडीओ पर किया था फाइन : 125 अभ्यर्थियों के चयन के बाद जब दोबारा कुचायकोट नियोजन इकाई ने मात्र 30 नियोजन पत्र दिये, तो इसकी शिकायत अभ्यर्थियों ने अपीलीय प्राधिकार से की. प्राधिकार ने बीडीओ पर 25 हजार रुपये का फाइन करते हुए ट्रेजरी को लिखा. इस पर बीडीओ की तरफ से शपथ पत्र देकर 30 दिनों का समय मांगा गया. इस बीच पंचायत चुनाव शुरू हो गया और मामला ज्यों-का-त्यों पड़ा रह गया.
चयन सूची फाइनल करने में जुटी नियोजन इकाई
नियोजन की प्रक्रिया पर उठा चुका है सवाल
प्राधिकार ने दिया था नियोजन करने का आदेश
नियोजन में कहा फंसा पेच
कुचायकोट में पंचायत चुनाव के बाद प्रखंड प्रमुख और बीइओ बदल गये. नये सिरे से पुन: नियोजन की तैयारी की गयी. बीडीओ ने जून, 2016 को शिक्षा विभाग के डीपीओ से नियोजन के लिए मार्गदर्शन मांगा. डीपीओ स्थापना संजय कुमार का कहना है कि अपीलीय प्राधिकार ने एक बार 207 पदों पर नियोजन का आदेश दिया था. इस आदेश के बाद नियमानुसार एक ही दिन सबको नियोजन पत्र देना चाहिए था. विभाग इसमें किसी भी स्थिति में कोई आदेश नहीं दे सकता. नियोजन अगर होता है, तो वह गलत होगा.
नहीं दिया गया आदेश
कुचायकोट में शिक्षक नियोजन का कोई आदेश या मार्गदर्शन नहीं दिया गया है. अगर नियोजन होता है, तो नियम के विरुद्ध होगा. इस मामले में मुझे कोई विशेष जानकारी नहीं है.
अशोक कुमार डीइओ, गोपालगंज
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