Advertisement
डायरेक्टर व पांच पैक्स अध्यक्षों को नोटिस
को-आॅपरेटिव बैंक से ऋण लेकर हजम करने वालों पर कार्रवाई शुरू हो गयी है. उनकी दिनों दिन मुश्किलें बढ़ती जा रही है. इसमें बैंक के डायरेक्टर से लेकर पैक्स अध्यक्ष तक शामिल हैं. अवधेश कुमार राजन गोपालगंज : दी सेंट्रल को-आॅपरेटिव बैंक से कर्ज लेकर चुकता नहीं करने वाले रसूखदार एवं बैंक के डायरेक्टर पैक्स […]
को-आॅपरेटिव बैंक से ऋण लेकर हजम करने वालों पर कार्रवाई शुरू हो गयी है. उनकी दिनों दिन मुश्किलें बढ़ती जा रही है. इसमें बैंक के डायरेक्टर से लेकर पैक्स अध्यक्ष तक शामिल हैं.
अवधेश कुमार राजन
गोपालगंज : दी सेंट्रल को-आॅपरेटिव बैंक से कर्ज लेकर चुकता नहीं करने वाले रसूखदार एवं बैंक के डायरेक्टर पैक्स अध्यक्षों समेत 167 लोगों के खिलाफ नोटिस जारी की गयी है.
बैंक के सर्टिफिकेट पदाधिकारी ने नोटिस जारी करते हुए 30 दिनों में अपना पक्ष रखने को कहा है. बैंक अगर उनके पक्ष से संतुष्ट नहीं होता है तो कुर्की जब्ती का वारंट जारी करेगा. राशि की रिकवरी के लिए इस प्रक्रिया के साथ ही गिरफ्तारी वारंट जारी होगा. को-ऑपरेटिवबैंक के शाखा प्रबंधकों के द्वारा पिछले दिनों बैंक की बकाया राशि की रिकवरी के लिए सर्टिफिकेट केस दायर किया गया था.
जिसमें जिसमें को-आॅपरेटिव बैंक के डायरेक्टर संतोष यादव समेत सैकड़ों की संख्या में प्रभावशाली लोग शामिल हैं. जो बैंक या कानून को नहीं मानते. इस बार बैंक की तरफ से दाखिल सर्टिफिकेट केस में प्रबंध निदेशक सह डीसीओ बबन मिश्र ने कड़ा रुख अपनाते हुए रिकवरी की कार्रवाई शुरू की है.
रेवड़ी की तरह बैंक ने बांटा था ऋण : दी सेंट्रल को-आॅपरेटिव बैंक ने नियम कानून को दरकिनार करते हुए रेवड़ी की तरह ऋण का वितरण किया था. जब कार्रवाई शुरू हुई है तो बैंक अधिकारी भी इस दायरे में आने लगे हैं. मंगोलपुर के निवासी उमेश कुमार राय रसूख वाले व्यक्ति हैं.
बैंक ने इन्हें 12.88 लाख का ऋण दिया तो उनकी पत्नी धर्मशीला देवी को 13.50 लाख का ऋण दिया. उसी तरह देवापुर शेखपुरदिल के निवासी जवाहरलाल यादव को 6.42 लाख तथा उनके भाई छोटे लाल चौधरी को 5.64 लाख का ऋण दिया गया है. जिन पर बैंक रिकवरी की कार्रवाई में जुटी है. यह केस सिर्फ नमूना है. ऐसे सैकड़ों मामले बैंक के सामने आ चुके हैं.
ऑडिट से खुला कई पैक्सों में घोटाला : पैक्सों की ऑडिट में एक दर्जन से अधिक में घोटाला सामने आया है. डीसीओ ऑफिस में कार्रवाई की फाइल तैयार की जा रही है. विभाग का मानना है कि एक सप्ताह के भीतर जिन पैक्सों पर लैबलिटी गिरा है. वे राशि जमा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी. डीसीओ को अधिकार है कि सर्टिफिकेट केस चला कर राशि की रिकवरी करें.
इनके खिलाफ जारी हुई नोटिस : मीरगंज व्यापार मंडल के अध्यक्ष सह बैंक के डायरेक्टर संतोष यादव पर 8.34 लाख, बरौली के कल्याणपुर पैक्स के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह पर 11.41 लाख, लड़ौली पैक्स के अध्यक्ष अजय कुमार तिवारी पर 10.43 लाख, पिपरा पैक्स के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह पर 10.22 लाख, मीरगंज के सवरेजी पैक्स के अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी पर 10.94 लाख, छाप पैक्स अध्यक्ष प्रेम सागर सिंह पर 5.81 लाख, बरवाकपरपुर पैक्स के अध्यक्ष हरेराम सिंह पर 3.13 लाख जबकि अमवा विजयपुर के निवासी उमर मेहदी हसन पर 10.88 लाख, पुरानी चौक पर युगल राम पर 4.64 लाख, बरौली के रामपुर के हजारी रावत पर 3.99 लाख हनुमानगढ़ी के मुन्ना प्रसाद पर 5.75 लाख, बरहिमा के नसरूदीन सिद्धीकी पर 3.58 लाख, पुरानी चौक के दिनेश प्रसाद पर 5.94 लाख के बकाया समेत 167 लोगों के खिलाफ प्रथम चरण का नोटिस जारी किया गया है.
क्या कहते हैं अधिकारी
बैंक की राशि जमा नहीं करने पर सर्टिफिकेट केस के तहत नोटिस किया गया है. इसके बाद भी राशि नहीं जमा होती है तो संपत्ति कुर्क करने के लिए वारंट जारी किया जायेगा.
बबन मिश्र, प्रबंध निदेशक, दी सेंट्रल कोआॅपरेटिव बैंक
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement