पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि पूरे बिहार में सड़कों और पुलों के विकास की चिंता छोड़ नीतीश सरकार केवल लालू परिवार और राजद नेताओं से जुड़े क्षेत्रों में सड़कें बनवा रही है. महागंठबंधन सरकार ने 10 महीनों में जिन 16 सड़कों के निर्माण की मंजूरी दी, वे सभी इन्हीं क्षेत्रों में बन रही हैं. मोदी ने कहा है कि वैशाली और छपरा जिलों में 582 करोड़ की लागत से सात–सात सड़कें बन रही हैं. एक–एक सड़क शहाबुद्दीन और पूर्व मंत्री इलियास हुसेन के जिलों में बन रही है.
माेदी ने कहा कि समावेशी विकास की बात करने वाले मुख्यमंत्री बतायें कि विकास योजनाओं में खुल्लम खुल्ला राजनीतिक भेदभाव क्यों हो रहा है? क्यों लालू परिवार से जुड़े छपरा–वैशाली जिलों के छह आरओबी की वजह से राज्य में प्रस्तावित सभी 90 रेल उपरी पुलों (आरओबी) का निर्माण रोक दिया गया? राज्य के अन्य हिस्सों में सड़कों का निर्माण क्यों ठप है? उन्होंने कहा है कि गंडक नदी पर प्रस्तावित सत्तर घाट पुल, आरा–छपरा पुल, दीघा–सोनपुर की ओर संपर्क पथ, बिहटा–सरमेरा पथ, आरा–मोहनिया–पथ, पटना में गंगा पथ (दीघा–दीदारगंज मेरिन ड्राइव) और छह लेन वाले राघोपुर–बिदुपुर पुल समेत कई सड़कों–पुलों का निर्माण शिथिल पड़ा है.
कहीं जमीन नहीं मिल रही है, तो कहीं पैसे का अभाव बताया जा रहा है. पथ निर्माण जैसा महत्वपूर्ण विभाग महीनों से बिना किसी नियमित प्रधान सचिव के चल रहा है. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री बतायें कि किस दबाव में वे एक योग्य प्रधान सचिव की नियुक्ति नहीं कर पा रहे हैं? बिहार की सड़कें कभी मजाक का विषय बनती थीं, लेकिन एनडीए की सरकार ने अच्छी सड़कों का नेटवर्क बनाकर राज्य की छवि बदल दी. आज जो भी अच्छी सड़कें हैं, वे सब उसी कार्यकाल में बनी है.