खौफ के साये में गुजरती है कटेयावासियों की रातें पुलिस के लिए चुनौती है कटेया की सुरक्षायूपी सीमा से लेकर झरही नदी तक है थाने का क्षेत्रक्षेत्र के मुताबिक नहीं है पुलिस बल की व्यवस्था संवाददाता, पंचदेवरी सरकार की सुरक्षा व्यवस्था कटेया में दम तोड़ती हुई नजर आती है. आज ही नहीं, बल्कि पिछले कई दशकों से यहां के लोग अपने आपको असुरक्षित महसूस करते हैं. पश्चिम में यूपी सीमा से लेकर पूरब में झरही नदी तक इस थाने का क्षेत्र है, जिसमें कटेया और पंचदेवरी दो प्रखंड शामिल है. इतने बड़े क्षेत्र की सुरक्षा के लिए बीच में कोई पुलिस चौकी तक भी नहीं है. हां, आज से एक दशक पूर्व स्याही नदी के आसपास के इलाकों में क्राइम के बढ़ते हुए ग्राफ को देख कर जनता बाजार में एक पुलिस चौकी बनायी गयी थी, लेकिन आज वह नाममात्र की पुलिस चौकी रह गयी है. इस इलाके की सुरक्षा अब भगवान भरोसे है. कोई घटना जब झरही के इलाके में होती है और पुलिस सीमावर्ती क्षेत्र में गश्त कर रही होती है, तो सूचना के बाद घटना स्थल पर पुलिस को पहुंचने में घंटों लग जाते हैं, तब तक जनता घटना के साथ-साथ पुलिस के विरोध में भी प्रदर्शन शुरू कर देती है. ऐसी परिस्थितियों में पुलिस को भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. पुलिस बल एवं अन्य संसाधनों की कमी के कारण इतने बड़े क्षेत्र के बीच में लोगों की सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं हो पायी है. ऐसे में कटेया के लोगों की सुरक्षा पुलिस के लिए चुनौती बनती जा रही है.
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खौफ के साये में गुजरती है कटेयावासियों की रातें
खौफ के साये में गुजरती है कटेयावासियों की रातें पुलिस के लिए चुनौती है कटेया की सुरक्षायूपी सीमा से लेकर झरही नदी तक है थाने का क्षेत्रक्षेत्र के मुताबिक नहीं है पुलिस बल की व्यवस्था संवाददाता, पंचदेवरी सरकार की सुरक्षा व्यवस्था कटेया में दम तोड़ती हुई नजर आती है. आज ही नहीं, बल्कि पिछले कई […]
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