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पुलिस कस्टडी में युवक की मौत का जोड़

पुलिस कस्टडी में युवक की मौत का जोड़अपने घर का आखिरी चिराग था सुजीत सिंह वरीय संवाददाता, गयापुलिस कस्टडी में हुई बेटे सुजीत सिंह की मौत के बाद पलामू के हुसैनाबाद थाने के ऊपरीखुर्द गांव के रहनेवाले विनय सिंह का आंगन सूना हो गया. सुजीत उनके घर का आखिरी चिराग था, जिसकी जान मगध मेडिकल […]

पुलिस कस्टडी में युवक की मौत का जोड़अपने घर का आखिरी चिराग था सुजीत सिंह वरीय संवाददाता, गयापुलिस कस्टडी में हुई बेटे सुजीत सिंह की मौत के बाद पलामू के हुसैनाबाद थाने के ऊपरीखुर्द गांव के रहनेवाले विनय सिंह का आंगन सूना हो गया. सुजीत उनके घर का आखिरी चिराग था, जिसकी जान मगध मेडिकल थाने की पुलिस ने पीट-पीट कर ले ली. बेटे के गम में डूबे विनय सिंह ने बताया कि अब वह कौन सा मुंह लेकर अपने घर जायेंगे. वर्ष 2003 में उनके बड़े बेटे चंदन सिंह की मौत छतीसगढ़ में एक पावर प्लांट में हुए दुर्घटना में हो गयी थी. अब उनके दूसरे बेटे सुजीत सिंह की जान पुलिसवालों ने ले ली. सुजीत उनके घर का आखिरी चिराग था. मामा की बीमारी के कारण ननिहाल में रहता था सुजीत परिजनों ने बताया कि सुजीत का अपने ननिहाल मगध मेडिकल थाने के कलेर गांव में रहता था. उसके नाना की मौत हो चुकी है. उसके तीन मामा हैं, राजकिशोर सिंह, किशोरी सिंह व श्याम किशोर सिंह. तीनों मामा का परिवार अलग-अलग रहता है. सबसे छोटे मामा श्याम किशोर सिंह की मानसिक स्थिति खराब रहने के कारण सुजीत उनके घर में ही रहता था. वर्ष 2011 में कलेर गांव के ही नप्पिू सिंह व उसके मामा श्याम किशोर सिंह के बीच किसी मामले में मारपीट हुई थी, जिसमें सुजीत ने बीच-बचाव किया था. लेकिन, दूसरे पक्ष ने सुजीत पर भी एफआइआर दर्ज करा दी थी. इसी मामले में कोर्ट ने उसकी जमानत रद्द कर दी थी. उसके विरुद्ध गिरफ्तारी का वारंट जारी था. मामी के सामने ही सुजीत को पीटते रहे पुलिसवाले सुजीत की मौत के बाद उनके मामा श्याम किशोर सिंह की पत्नी सरस्वती देवी का रो-रो कर बुरा हाल था. सरस्वती देवी ने बताया कि गत 11 दिसंबर की शाम करीब सात बजे मगध मेडिकल थानाध्यक्ष बृजबिहारी पांडेय ने कलेर गांव के गढ़ के पास से उनके सामने ही सुजीत को गिरफ्तार किया था. वह उस समय अपने बच्चों के साथ दवा लेकर घर लौट रही थी. पूछले पर पुलिसवालों ने बताया कि सुजीत के विरुद्ध कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. पुलिसवाले उसे लेकर थाने ले गये. कुछ घंटे बाद उसके घर सियाडीह गांव के रहनेवाले कमलेश यादव आये और कहा कि थाने के बड़ा बाबू बुला रहे हैं. सुजीत की हालत खराब हो गयी है. थाने गयी, तो देखा सुजीत जमीन पर औंधे मुंह गिरा पड़ा है. उसने उल्टी की है. पूछने पर पता चला कि थानाध्यक्ष बृजबिहारी पांडेय ने उसकी जम कर पिटाई की है. उसने उल्टी को साफ किया. कुछ घंटे बाद सुजीत को मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भरती कराया गया. अगले दिन 12 दिसंबर को अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड से सुजीत को सामान्य वार्ड में भरती कराया गया, जहां दोपहर में कुछ पुलिसवाले ने उसकी आंखों के सामने ही सुजीत को बेड में बांध कर पिटाई की. विरोध करने पर पुलिसकर्मियों ने उसे धक्का देकर वहां से हट जाने को कहा और धमकी भी कि चुप रहो, नहीं तो तुम्हें भी जेल भेज देंगे. इसके बाद शाम में भी पुलिसकर्मियों ने सुजीत की बेरहमी से पिटाई की. पुलिसवालों ने पीट-पीट कर सुजीत की जान ले ली.

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