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75 हजार शक्षिकों को अब तक नहीं मिल सका वेतनमान

75 हजार शिक्षकों को अब तक नहीं मिल सका वेतनमानवेतन सत्यापन नहीं होने से शिक्षकों को नहीं मिल रही राशि जुलाई महीने से ही वेतनमान की राशि का हो रहा है भुगतान, सितंबर तक की राशि हुई है जारीराज्य के 4.08 लाख नियोजित शिक्षकों का अक्तूबर से नवंबर की राशि भी पेंडिंगजनवरी से पहले राशि […]

75 हजार शिक्षकों को अब तक नहीं मिल सका वेतनमानवेतन सत्यापन नहीं होने से शिक्षकों को नहीं मिल रही राशि जुलाई महीने से ही वेतनमान की राशि का हो रहा है भुगतान, सितंबर तक की राशि हुई है जारीराज्य के 4.08 लाख नियोजित शिक्षकों का अक्तूबर से नवंबर की राशि भी पेंडिंगजनवरी से पहले राशि मिलने की संभावना कम3.84 लाख नियोजित शिक्षक हैं प्रारंभिक स्कूलों म24 हजारनियोजित शिक्षक हैं हाइ व प्लस टू स्कूलों मेंहकीकत सभी जिलों में अब तक सौ फीसदी नियोजित शिक्षकों का वेतन सत्यापन नहीं हो सका है. जिलों को अभियान चलाकर नियोजित शिक्षकों का वेतन सत्यापन करना था, लेकिन इसके लिए अलग से कोई इंतजाम नहीं किया गया. अभी तक 75 फीसदी शिक्षकों को ही वेतनमान की राशि मिल सकी हैविभाग का दावाशिक्षकों का वेतन सत्यापन किया जा रहा है और वेतनमान का भुगतान हो रहा है. जो शिक्षक लंबे समय से छुट्टी पर चल रहे थे अौर नियोजन इकाई से उनकी छुट्टी की स्वीकृति नहीं मिल सकी है वैसे शिक्षकों का वेतन सत्यापन नहीं हो रहा है. 90 फीसदी शिक्षकों के वेतन का सत्यापन हो चुका हैसंवाददाता, पटनाराज्य के 4.08 लाख शिक्षकों में से करीब 75 हजार नियोजित शिक्षकों को अब तक वेतनमान की राशि नहीं मिल सकी है. इन शिक्षकों का अब तक वेतन सत्यापन ही नहीं हो सका है, जिसकी वजह से उन्हें राशि का भुगतान नहीं हो सका है. शिक्षा विभाग ने जिलों को जुलाई से सितंबर तक के लिए अक्तूबर महीने में ही राशि उपलब्ध करा दी थी, लेकिन सभी जिलों के सभी नियोजित शिक्षकों को अब तक राशि नहीं मिल सकी है. कई जिलों में एक-दो महीने की राशि का ही भुगतान हुआ, जिसकी वजह से अब उनका बकाया कम से कम तीन महीने का हो गया है. शिक्षा विभाग ने सितंबर महीने तक की राशि जारी की थी. बिहार विधानमंडल में द्वितीय अनुपूरक बजट पास होने के बाद अक्तूबर-नवंबर महीने की राशि जारी की जायेगी. ऐसे में शिक्षकों को जनवरी महीने से पहले राशि के भुगतान की संभावना कम लग रही है. सभी जिलों में अब तक सौ फीसदी नियोजित शिक्षकों का वेतन सत्यापन नहीं हो सका है. जिलों को अभियान चलाकर नियोजित शिक्षकों का वेतन सत्यापन करना था, लेकिन इसके लिए अलग से कोई इंतजाम नहीं किया गया. प्रारंभिक स्कूलों में प्रधानाध्यपक को स्कूल के नियोजित शिक्षकों के वेतन सत्यापन का फॉर्म भरवा कर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में मंगवाया गया और वहां से उसे जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के पास भिजवाया गया. वहीं, हाइ व प्लस टू स्कूलों में प्रधानाध्यापक उस स्कूल के शिक्षकों के फॉर्म सीधे डीपीओ के दिये. शिक्षकों और शिक्षक संगठनों की मानें तो अभी तक 75 फीसदी शिक्षकों को ही राशि मिल सकी है. जिलों में नियोजित शिक्षकों के वेतनमान सत्यापन के जिला व प्रखंड कार्यालय से देरी की जा रही है. कई जगहों पर वेतन सत्यापन के लिए राशि की भी मांग की जा रही है. कुछ जगहों पर इसकी शिकायत की गयी तो सरकार ने संबंधित जिला व प्रखंड के अधिकारियों पर कार्रवाई भी की है. प्रधानाध्यपक द्वारा फॉर्म दिये जाने के बाद संबंधित स्कूलों शिक्षकों को भी अधिकारी बुलवाते हैं. उधर, शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें तो जो शिक्षक टर्न अप हो रहे हैं, उनका वेतन सत्यापन किया जा रहा है और वेतनमान का भुगतान हो रहा है. जो शिक्षक लंबे समय से छुट्टी पर चल रहे थे अौर नियोजन इकाई से उनकी छुट्टी की स्वीकृति नहीं मिल सकी है वैसे शिक्षकों का वेतन सत्यापन नहीं हो रहा है. साथ ही वैसे शिक्षक जिनके सर्टिफिकेट जाली हैं और उन्हें इसका अहसास भी है, वे भी वेतन सत्यापन के लिए नहीं आ रहे हैं. इस वजह से ऐसे शिक्षकों वेतन सत्यापन नहीं हो पा रहा है. शिक्षा विभाग का दावा है कि 90 फीसदी शिक्षकों के वेतन का सत्यापन हो चुका है.

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