24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

फिर अधूरा रह गया 1972 में मिली जीत का रिकॉर्ड तोड़ने का वाम ब्लॉक का सपना

फिर अधूरा रह गया 1972 में मिली जीत का रिकॉर्ड तोड़ने का वाम ब्लॉक का सपना1995 के बाद से कभी वाम दलों को डबल डिजीट में जीत मय्यसर नहीं हुई 1962 से 1995 तक ही वाम दलों को 12 से 35 सीटों पर जीत नसीब हुई इस बार 28 सीटों पर वाम एकता के विखराव […]

फिर अधूरा रह गया 1972 में मिली जीत का रिकॉर्ड तोड़ने का वाम ब्लॉक का सपना1995 के बाद से कभी वाम दलों को डबल डिजीट में जीत मय्यसर नहीं हुई 1962 से 1995 तक ही वाम दलों को 12 से 35 सीटों पर जीत नसीब हुई इस बार 28 सीटों पर वाम एकता के विखराव ने वाम ब्लॉक की जीत की राह में रोड़े डाले संवाददाता, पटना पहली बार किसी गैैर वामपंथी दल से गंठजोड़ किये बिना चुनाव मैदान में उतरे वाम ब्लॉक को शानदार जीत के लिए इस बार भी तरस जाना पड़ा. हां, वाम ब्लॉक 2010 के इलेक्शन में मात्र एक सीट पर मिली जीत का ब्रेक तोड़ने में सफल जरुर रहा. वाम ब्लॉक में शामिल तो वैसे छह दल थे, किंतु तीन सीटों पर जीत मिली, तो सिर्फ भाकपा-माले को. सापीआई और सीपीएम जैसी वाम ब्लॉक की बड़ी पार्टियों का खाता भी नहीं खुला. वाम ब्लॉक 1972 में मिली 35 सीटों पर मिली जीत का ब्रेक तोड़ने का सपना इस बार भी अधूरा ही रह गया. चुनाव बाद वाम ब्लॉक की समीक्षा बैठकों में धीरे-धीरे कई खुलासे हो रहे हैं. वाम ब्लॉक ने अगस्त-सितंबर में ही एक हो कर चुनाव लड़ने का एलान तो किया था, किंतु उस पर छहों पार्टियां ईमानदारी से अमल नहीं कर पायी. छहों वाम दलों ने 28 सीटों पर वाम ब्लॉक के संकल्पों की धज्जियां उड़ा कर अपने-अपने प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतार दिया. वाम ब्लाॅक को अंतत: इसका खामियाजा भुगतना पड़ा. उसे महज तीन सीटों पर ही संतोष करना पड़ा. इस बार तो सीपीआई अपने पूर्व विधायक अवधेश राॅय तक को पुन: जीत नहीं दिला पायी. माकपा को भी अपने कई चर्चित नेताओं को जीत दिलाने में सफलता नहीं मिली. इस चुनाव में जीत के मामले में वाम ब्लॉक की इज्जत भाकपा-माले ने बचा ली. वाम दलों को 1995 के बाद से ही डबल डिजीट में जीत मय्यसर नहीं हुई है. 2000 से से कर अब तक वाम दल दो, तीन, एक और तीन सीटों तक ही सिमटी रह गयी है. बिहार में वाम दलों को अब तक मिली जीत एक नजर में ——————————————–वर्ष कितनी मिली जीत 1957 07 1962 121967 251972 351977 21 1980 221985 12 1990 23 1995 26 2000 02 2005 03 2010 01 2015 03 ——————————————(नोट : खबर दोबारा पढ़ी गयी है)

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें