गोपालगंज : परिवार नियोजन में पुरुषों की तुलना में महिलाएं काफी जागरूक रही हैं. सौ में से इक्का-दुक्का पुरुष ही नसबंदी के लिए राजी होते हैं. लेकिन, महिलाएं बंध्याकरण के लिए सौ में से नब्बे तक सहज तैयार हो जाती हैं. इसका खुलासा जिले में 21 सितंबर से 10 अक्तूबर तक चले परिवार नियोजन पखवारा कार्यक्रम की रिपोर्ट से हुआ है.
रिपोर्ट के अनुसार जिले में इस कार्यक्रम के दौरान कुल 1342 ऑपरेशन किये गये हैं. इनमें 134 प्रसव के लिए सिजेरियन ऑपरेशन के साथ बंध्याकरण किये गये. इसी प्रकार जिले भर में सिर्फ तीन पुरुष ही नसबंदी करा सके. कुल- 375 कॉपर टी लगाये गये. बंध्याकरण के सभी लाभान्वितों को सरकार द्वारा मिलनेवाली 1400 रुपये की प्रोत्साहन राशि उपलब्ध करा दी गयी है.
इसी प्रकार नसबंदी करानेवाले सभी पुरुषों को 2000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गयी. बंध्याकरण में दो पीएचसी आगेरिपोर्ट को खंगालें, तो कुचायकोट अस्पताल में अकेले 151 बंध्याकरण किया गया है. इस हिसाब से जिले में यह अस्पताल परिवार नियोजन पखवारा में अव्वल रहा. इसी प्रकार दूसरे नंबर पर बैकुंठपुर पीएचसी रहा. यहां कुल-150 बंध्याकरण किया गया.
किसी पीएचसी में कितना बंध्याकरणजिले के बैकुंठपुर पीएचसी में – 150, बरौली में- 123, भोरे में-69, कटेया में- 93, कुचायकोट में- 151, मांझा में-114, पंचदेवरी में- 71, फुलवरिया में- 40, सिधवलिया में – 52, थावे में- 109, उचकागांव में- 107, विजयीपुर में 94, सदर गोपालगंज में- 63, सदर हथुआ में – 106 कुल- 1342 लोगों का बंध्याकरण कराया गया है.
तीन पीएचसी पिछड़ेजिले भर में चलाये गये परिवार नियोजन पखवारा कार्यक्रम के दौरान तीन पीएचसी बंध्याकरण में काफी पिछड़े गये. आंकड़े के अनुसार फुलवरिया में-40, सिधवलिया में 52 तथा सदर अस्पताल में 63 बंध्याकरण किये गये.
तीन अस्पतालों में तीन पुरुषों की नसबंदीकार्यक्रम के दौरान जिले के सिर्फ तीन अस्पतालों में पुरुष नसबंदी करायी गयी है. उचकागांव में एक, सदर अस्पताल में एक, हथुआ अनुमंडलीय अस्पताल में एक पुरुष ने ऑपरेशन कराया है.
इससे पता चलता है कि आज भी पुरुष इस ऑपरेशन के लिए सहज ढंग से तैयार नहीं होते हैं. क्या कहते हैं सिविल सर्जनपरिवार नियोजन पखवारा कार्यक्रम में खराब प्रदर्शन करनेवाले पीएचसी की बारी-बारी के समीक्षा की जा रही है. बेहतर प्रदर्शन न करने के कारणों और उसके निराकरण के लिए संबंधित प्रभारियों से बातचीत की जायेगी. डॉ मधेश्वर प्रसाद सिंह, सिविल सर्जन