विश्वकर्मा विकास समिति का 23 को पटना में प्रदर्शनगोपालगंज. विश्वकर्मा काष्ठ शिल्पी विकास समिति 23 जून को मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शन करेगी. समिति के सदस्यों ने कहा कि आजादी के 67 वर्षों के बाद भी बढ़ई व लोहार जाति उपेक्षित है. 78 लाख की जनसंख्या रहने के बावजूद सत्ता में भागीदारी नहीं है. बिहार विधान मंडल में कई काले कानून बना कर बढ़ई पेशे पर हमला किया गया है. भारतीय वन अधिनियम 1927 में संशोधन करते हुए 18 हजार बढ़ई कामगारों को जेल भेजा जा चुका है. साथ ही जेल जाने का क्रम आज भी जारी है. वहीं, 56 सौ झूठे मुकदमे भी चल रहे हैं. दो सौ परिवार उजड़ चुके हैं. रोजी-रोटी के लिए कामगार पलायन कर रहे हैं. कल्याण बोर्ड के द्वारा घर बनाने और औजार खरीदने के 55 हजार की जगह 15 हजार रुपये ही दिये जा रहे हैं. स्वास्थ्य बीमा की घोषणा कागज पर ही रह गयी है. प्रदेश महासचिव रामभरोसा शर्मा तथा शिवजी शर्मा ने कहा है कि अब संघर्ष के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं है. 23 जून को पटना में मुख्यमंत्री के समक्ष समिति के सदस्य रोषपूर्ण प्रदर्शन करेंगे. बैठक में ओमप्रकाश शर्मा, शेषनाथ शर्मा, दिलीप शर्मा, मंगल शर्मा, आनंद शर्मा, रामजीत शर्मा, चंदेश्वर शर्मा, धर्मदेव शर्मा, शिवकांत शर्मा, सुरेश शर्मा एवं लालबाबू ने भी संबोधित किया.
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विश्वकर्मा समाज को मिले सत्ता में भागीदारी
विश्वकर्मा विकास समिति का 23 को पटना में प्रदर्शनगोपालगंज. विश्वकर्मा काष्ठ शिल्पी विकास समिति 23 जून को मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शन करेगी. समिति के सदस्यों ने कहा कि आजादी के 67 वर्षों के बाद भी बढ़ई व लोहार जाति उपेक्षित है. 78 लाख की जनसंख्या रहने के बावजूद सत्ता में भागीदारी नहीं है. बिहार विधान […]
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