गोपालगंज : गरीबों को सस्ता अनाज देने के सारे दावे दम तोड़ते नजर आ रहे हैं. तंत्र की लापरवाही का ही नतीजा है कि गरीबों के हिस्से का अनाज खुलेआम नीलाम किया जा रहा है.
तीन रुपये प्रति किलो गरीबों को मिलने वाला चावल गली–मोहल्लों में 15 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रहा है.
सरकार ने गरीबी उन्मूलन का नारा देते हुए तमाम योजनाएं चलायी है. इसके निष्पादन के लिए राशन कार्ड की व्यवस्था की गयी जिसका वर्गीकरण एपीएल, बीपीएल और अंत्योदय कार्ड के रुप में किया गया है. इसमें भी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग–अलग मानक निर्धारित हैं.
दरअसल अंत्योदय के लिए तीन रुपये व बीपीएल कार्ड धारकों के लिए 6.16 रु पये प्रति किलोग्राम चावल का रेट तय है. यही चावल खुले बाजार में 10 से 15 रु पये प्रति किलो के भाव से उपलब्ध है. जिसे राशन डीलर ही बेच रहे हैं. बेचने में वह इतनी सावधानी जरूर बरत रहे हैं कि किसी अंजान को इसकी भनक न लगे.
प्रशासनिक अफसरों के पास रोज दो राशन डीलरों की शिकायत आती है इसमें समय से राशन नहीं देने, रेट अधिक वसूलने आदि की शिकायत शामिल होती हैं. इन शिकायतों को लेकर अफसर गंभीर नहीं है. राशन बांटने वाले रजिस्टर में खूब खेल किया जाता है.
इसमें फर्जी हस्ताक्षर कर राशन लेने वाले का नाम दर्शाया जाता है. जबकि असली तस्वीर कुछ और ही है. राशन की दुकानों का मुआयना करने के बाद हकीकत सामने आ जाती है. न दुकानें समय से खुलती हैं, न लोगों को राशन आने की जानकारी हो पाती है. दुकान के चक्कर काटकर कार्डधारक भी परेशान हो जाते हैं, सो थक–हार कर राशन लेने का विचार त्याग ही देते हैं. बावजूद इसके कागजों में सबको राशन लेना दिखाया जाता है.