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प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक होंगे शरीक

बिहारशरीफ (नालंदा) : राजगीर के अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन हॉल में सूबे के मशरूम उत्पादक किसानों की कार्यशाला सह प्रशिक्षण का आयोजन किया जायेगा. 26 वे 27 जुलाई को होनेवाले इस कार्यशाला सह प्रशिक्षण में सूबे के चयनित मशरूम उत्पादक शामिल होंगे. कार्यशाला में मशरूम उत्पादक किसानों को मशरूम की खेती, मशरूम बीज उत्पादन, प्रोसेसिंग व मशरूम […]

बिहारशरीफ (नालंदा) : राजगीर के अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन हॉल में सूबे के मशरूम उत्पादक किसानों की कार्यशाला सह प्रशिक्षण का आयोजन किया जायेगा. 26 वे 27 जुलाई को होनेवाले इस कार्यशाला सह प्रशिक्षण में सूबे के चयनित मशरूम उत्पादक शामिल होंगे.

कार्यशाला में मशरूम उत्पादक किसानों को मशरूम की खेती, मशरूम बीज उत्पादन, प्रोसेसिंग मशरूम की मार्केटिंग करने की जानकारी दी जायेगी. इसका बामेति द्वारा आत्मा नालंदा के सहयोग से किया जायेगा.

160 मशरूम उत्पादक होंगे शामिल

प्रशिक्षण सह कार्यशाला में सूबे के 160 मशरूम उत्पादक किसान शामिल होंगे. इनमें से 80 मशरूम उत्पादक किसान नालंदा के 80 सूबे के दूसरे जिलों के होंगे. इस प्रशिक्षण सह कार्यशाला में शामिल होने वाला किसानों का चयन बामेति द्वारा किया गया है. मशरूम उत्पादक किसानों को प्रशिक्षण देने के लिए सोलन, पंतनगर, हैदराबाद, मैसूर के मशरूम विशेषज्ञ आयेंगे.

इसके अलावा बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर एवं आइसीआर के वरीय वैज्ञानिक भी इसमें शरीक होंगे. ये सभी वैज्ञानिक मशरूम उत्पादन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत जानकारी से किसानों को अवगत करायेंगे.

1100 महिलाओं का ग्रुप निबंधित

जिले में बड़ी संख्या में महिलाएं मशरूम उत्पादन से जुड़ी हुई हैं. केवल आत्मा, नालंदा से 1100 मशरूम उत्पादक महिलाओं का ग्रुप निबंधित है. इसके अलावा जीविका द्वारा करीब 700 महिलाओं का ग्रुप बना कर उन्हें मशरूम उत्पादन बनाये गये हैं. इन सभी ग्रुपों की महिलाओं को मशरूम उत्पादन से जोड़ने का प्रयास किया जायेगा.

उत्पादकों की समस्या होगी दूर

जिले में बड़े पैमाने पर मशरूम की खेती की जा रही है. ओएस्टर मशरूम, सफेद मशरूम बटन मशरूम का यहां उत्पादन होता है. बटन मशरूम की काफी मांग है, इसके कारण उसकी मार्केटिंग में कोई पेरशानी नहीं है.

ओएस्टर मशरूम उत्पादकों की सबसे बड़ी परेशानी मार्केटिंग की है. इस प्रशिक्षण सह कार्यशाला में वैज्ञानिकों द्वारा मशरूम उत्पादक किसानों को मशरूम की प्रोसेसिंग करने के अलावा सूखा मशरूम, आचार पाउडर बनाकर उसे मार्केटिंग करने के गुर सीखाये जायेंगे.

ठहरने खानेपीने की व्यवस्था

कार्यशाला में भाग लेनेवाले मशरूम उत्पादक किसानों के ठहरने खानेपीने की व्यवस्था बामेति द्वारा आत्मा नालंदा के सहयोग से किया जायेगा. इसकी सारी व्यवस्था कर ली गयी है.

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