भोरे : भोरे प्रखंड व्यापार मंडल की वोटर लिस्ट में फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद चुनाव को स्थगित कर दिया गया है. साथ ही फर्जीवाड़े में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू कर दी गयी है. प्रशासन की कार्रवाई से पूरे दिन हड़कंप मचा रहा. ध्यान रहे कि मूल कॉपी को गायब कर कंप्यूटर से स्कैन कर जाली लिस्ट तैयार करने के मामले का प्रभात खबर ने चार अक्तूबर को खुलासा किया था. फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद डीएम राहुल कुमार ने कड़ा एक्शन लेते हुए चुनाव को स्थगित कर दिया.
साथ ही इसमें शामिल लोगों पर कार्रवाई का आदेश दिया है. चुनाव प्राधिकार द्वारा अब नयी तिथि की घोषणा की जायेगी. माफियाओं के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी भी की जा रही है. भोरे प्रखंड व्यापार मंडल की वोटर लिस्ट की मूल कॉपी को गायब कर कंप्यूटर से स्कैन कर जाली वोटर लिस्ट तैयार की गयी थी. मतदाता सूची में फर्जीवाड़ा कर 28 वोटरों के नाम मूल सूची से स्कैन कर हटाने के बाद दूसरे के नाम शामिल कर दिये गये थे.
हद तो तब हो गयी थी, जब सहकारिता विभाग द्वारा प्रखंड निर्वाची पदाधिकारी सह बीडीओ के पास जाली वोटर लिस्ट को प्रकाशन के लिए भेज दिया गया. बीडीओ सोनू कुमार ने आपत्ति लेने के बाद 10 अगस्त को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन कर दिया था.
चुनाव प्राधिकार को वस्तुस्थिति से कराया गया अवगत
पैक्स अध्यक्ष की शिकायत पर हुई जांच : मामला तब सामने आया जब भोरे प्रखंड के बनकटा जागीरदारी पैक्स अध्यक्ष राघव प्रसाद ने 2012 की वोटर लिस्ट विभाग से मांग कर देखी. इसमें व्यापक धांधली सामने आयी. उन्होंने इसकी शिकायत प्रखंड निर्वाची पदाधिकारी सह बीडीओ से 26 सितंबर को की. व्यापार मंडल चुनाव के लिए सात अक्तूबर को नामांकन होना था, जबकि 17 अक्तूबर को मतदान की तिथि तय थी. पैक्स अध्यक्ष ने इसकी शिकायत बीडीओ से लेकर डीसीओ और डीएम तक की थी. सहकारिता विभाग पहले मामले पर पर्दा डाल कर चुनाव कराने के मूड में था. इस बीच प्रभात खबर के खुलासे के बाद आनन-फानन में यह कार्रवाई बतायी जा रही है.
व्यापार मंडल अध्यक्ष से जवाब तलब : व्यापार मंडल भोरे की मतदाता सूची तैयार करने की जिम्मेदारी व्यापार मंडल के अध्यक्ष को देने का दावा सहकारिता विभाग कर रहा है. डीसीओ बबन मिश्रा की मानें, तो व्यापार मंडल के अध्यक्ष के द्वारा मतदाता सूची बीसीओ को सौंपी गयी. बीसीओ ने उसे डीसीओ ऑफिस को फारवर्ड कर दिया. कहीं-न-कहीं से चूक हुई है इसके लिए व्यापार मंडल के अध्यक्ष से जवाब तलब किया गया है. इस मामले में अध्यक्ष पर फर्जीवाड़े के आरोप में कार्रवाई होगी.
डीसीओ साहब इस मामले में विभाग को दोषी नहीं मानते हैं.
पंचदेवरी. राज्य निर्वाचन आयोग ने व्यापार मंडल के चुनाव की तिथि निर्धारित कर दी है. सात अक्तूबर को नामांकन नौ को समीक्षा 10 को वापसी तथा 17 को निर्वाचन एवं मतगणना की तिथि निर्धारित की गयी है. एक अध्यक्ष एवं 13 कार्यकारिणी समिति के सदस्य का चुनाव होना है. लेकिन, यहां व्यापार मंडल के चुनाव पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है.
राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जिन पैक्स ने अभी तक को-ऑपरेटिव बैंक का ऋण नहीं चुकाया है, उनके अध्यक्षों को चुनाव से वंचित किया जा सकता है. पंचदेवरी में कुल नौ पैक्स हैं.
जिनमें से कोई भी ऐसा पैक्स नहीं है जिस पर ऋण बकाया नहीं हो. बीसीओ अशोक कुमार ने बताया कि महुअवा पैक्स पर एक करोड़ 52 लाख 19 हजार, कोईसा पर 12 लाख सात हजार, सिकटिया पर 78 लाख 45 हजार, सेमरिया पर 26 लाख 50 हजार, भगवानपुर पर 16 लाख 97 हजार, बनकटिया पर 14 लाख 77 हजार, मझवलिया पर 26 लाख 13 हजार, खालगांव पर 18 लाख एक हजार तथा मगहिया पर 10 लाख 65 हजार कर्ज हैं.
डीसीओ कार्यालय की भूमिका भी संदिग्ध
जांच के बाद दोषियों को नहीं बख्शा जायेगा
भोरे में होनेवाले व्यापार मंडल के चुनाव को स्थगित कर दिया गया है. चुनाव प्राधिकार को भी जानकारी दे दी गयी है. बाद में चुनाव के तिथि की घोषणा की जायेगी. इस मामले में जांच के आदेश दिये गये हैं. दोषियों को किसी भी सूरत में नहीं बख्शा जायेगा.
राहुल कुमार, डीएम, गोपालगंज