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रक्षाबंधन का त्योहार आज सजा राखियों का बाजार
गोपालगंज : भाई-बहन का प्रेम रक्षाबंधन का पर्व सोमवार को है. रक्षाबंधन को लेकर बाजार में चहल-पहल है. बच्चों में खासा उत्साह हे. शहर के बाजार रंग-बिरंगी राखियों से सजे हैं. हर आयु वर्ग के लिए अलग-अलग राखियां मौजूद हैं. इस बार ओम और स्वास्तिक चिह्न वाली राखियों की मांग ज्यादा है. इसके अलावा मैसेज […]
गोपालगंज : भाई-बहन का प्रेम रक्षाबंधन का पर्व सोमवार को है. रक्षाबंधन को लेकर बाजार में चहल-पहल है. बच्चों में खासा उत्साह हे. शहर के बाजार रंग-बिरंगी राखियों से सजे हैं. हर आयु वर्ग के लिए अलग-अलग राखियां मौजूद हैं.
इस बार ओम और स्वास्तिक चिह्न वाली राखियों की मांग ज्यादा है. इसके अलावा मैसेज राखी, स्वैग राखी, स्पेशल गिफ्ट के बाॅक्स वाली राखियों की भी मांग है. बच्चों के लिए कार्टून और म्यूजिकल राखियां भी बाजार में मौजूद हैं. इस बार राखी बाजार में एक अलग तरह का ट्रेंड भी देखने को मिल रहा है.
आस्था के रंग में रंगी राखियों की इस बार खास डिमांड है. देवताओं वाली राखियां भी अपनी खास जगह बनाये हुई हैं. रेवड़ी, चंदन, मिश्री, चावल के छोटे-छोटे बाॅक्स के साथ लगाया गया राखियों का सेट लोगों को खूब भा रहा है. मौनिया चौराहे पर राखी बेचनेवाला पन्नालाल बताते हैं कि वह कई वर्षों से राखी बेच रहे हैं, लेकिन धार्मिक चिह्न वाली राखियां पहले कभी उन्होंने नहीं बेचीं. व्यवसायी डब्लू ने बताया कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस साल धार्मिक राखियों की बिक्री दो से तीन गुना बढ़ी है. चंद्रगोखुल रोड के व्यापारी राकेश का कहना है कि धार्मिक संदेश वाली राखियां भी लोग खूब पसंद कर रहे हैं. बहनों ने इस बार ड्रैगन को आउट कर दिया है.
गिफ्ट बाॅक्स के साथ मैसेज पेज
राखी बाजार में बाॅक्स और मैसेज राखी की भी खूब धूम है. हालांकि इनकी कीमत आम राखियों से अधिक है, लेकिन खासियत की वजह से इसकी बिक्री में कीमत बाधा नहीं बन रही है. बाॅक्स राखी में राखी के साथ भाइयों के विशेष उपहार भी मौजूद हैं. मैसेज राखी में भाइयों के लिए राखी के साथ मैसेज पेज का भी विकल्प है. अगर कीमत की बात करें, तो ऐसी राखियों की शुरुआत 150 रुपये से हो रही है.
रेशम की डोरी का क्रेज बरकरार
कहने को तो धागों का फैशन काफी पुराना है, लेकिन आज भी लोगों की पसंद रेशम की डोरी ही है. हालांकि बाजार में इसकी वैराइटी कम है, लेकिन दुकानदारों के मुताबिक प्रतिदिन काफी लोग रेशम की डोरी वाली राखियों की डिमांड कर रहे हैं. नीले, लाल, हरे, पीले रंगों की रेशम वाली राखियों की कीमत 50 रुपये से शुरू हो रही है. उनमें डिजाइन बढ़ने के साथ कीमत भी बढ़ती जा रही है.
भाई-बहन के वैश्विक रिश्ते की याद दिलाता है रक्षाबंधन
गोपालगंज : रक्षाबंधन सभी पर्वों में एक अनोखा पर्व ही नहीं बल्कि भारत की संस्कृति व मानवीय मूल्यों को प्रत्यक्ष करनेवाला पर्व है. इसके साथ ही यह पर्व अनेक आध्यात्मिक रहस्यों को प्रकाशित करनेवाला और भाई-बहन के वैश्विक रिश्ते की स्मृति दिलानेवाला एक परमात्म उपहार है. ये बातें प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की बीके अंगूर बहन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही हैं. उन्होंने कहा है कि इस पर्व पर रक्षा सूत बांधने से पूर्व बहन अपने भाई के मस्तक पर चंदन का तिलक लगाती हैं जो शुद्ध, शीतल और सुगंधित जीवन जीने की प्रेरणा देता है.
तिलक दायें हाथ से किया जाता है और राखी भी दायें हाथ में बांधी जाती है. यह विधि हमें यह प्रेरणा देती है कि हम सदा राइट यानी सकारात्मक चिंतन करते हुए राइट अर्थात श्रेष्ठ कर्म ही करें जिससे आत्मा अनिष्ट परिणामों से दुखी व अशांत होने से सुरक्षित रहेगी. वहीं, मिठाई खिलाने के पीछे भी मन को और संबंधों को मीठा बनाने का राज भरा है.
हिंदू धर्म अनेक मान्यताओं और विभिन्न प्रकार के संकलन से बना है़ इसी संकलन में सावन मास का अपना एक अलग महत्व है़ इस पूरे मास को जहां हिंदू धर्म में भगवान शिव का माना जाता है, वहीं इस मास में शहर से लेकर गांव तक शिवमय हो जाते हैं. इस मास में हर दिन का अलग-अलग महत्व है, लेकिन सोमवार को विशेष स्थान प्राप्त है़ इस वर्ष के सावन की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि 50 वर्षों बाद सावन में पांच सोमवार हैं.
वहीं सात अगस्त को सावन की आखिरी सोमवारी है़ मान्यताओं के अनुसार सावन माह में सोमवार के दिन महादेव की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है़
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