विजयीपुर : विजयीपुर में महज पांच सौ रुपये की खातिर एक ट्रकचालक की जान लेने पर उतारू पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई नहीं होने से पुलिस महकमे पर कई सवाल खड़े होने लगे हैं. वहीं, सामाजिक संगठनों की मांग भी ठंडे बस्ते में पड़ गयी है, जबकि पुलिस की पिटाई से घायल हुए चालक को अस्पताल से छुट्टी मिल गयी है. चालक अभी कुछ महीनों तक गाड़ी नहीं चला सकता, जिसके कारण उसके सामने रोटी की चिंता भी है. वहीं, अब भी दोषी पुलिसकर्मियों की ड्यूटी थाने पर ही लगी है.
यहां बता दें कि जून माह के अंत में यूपी का एक ट्रक सारण जिले के पहलेजा घाट से बालू लेकर विजयीपुर के जगदीशपुर गांव जा रहा था. सुबह के चार बजे थाने पर तैनात संतरी ने ट्रक को रोका और पांच सौ रुपये की मांग की. चालक द्वारा 50 रुपये देकर ट्रक को जैसे ही आगे बढ़ाया गया उसे रोक कर उसकी इस कदर पिटाई की गयी कि उसके हाथ की नस फट गयी. घटना के बाद पुलिसवालों ने उसे मरने के लिए सड़क पर ही छोड़ दिया. बाद में खलासी की सूचना पर पहुंचे ट्रक के मालिक उसे अस्पताल में भरती कराया, जहां से उसे पीजीआइ लखनऊ भेज दिया गया. फिलहाल चालक अपने घर पर है.
इधर, घटना के बाद खलासी द्वारा पूरे मामले की लिखित शिकायत हथुआ के एसडीपीओ को दी गयी थी. मामला मीडिया की सुर्खियों में आने के बाद विभाग ने थानेदार से रिपोर्ट तलब की. थानाध्यक्ष मुकेश कुमार द्वारा रिपोर्ट भी भेज दी गयी, लेकिन अब तक चालक को न्याय नहीं मिल सका है.