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वैधृति से शुरू, तो आयुष्मान योग से खत्म होगा सावन

सावन माह में 50 साल बाद शुभ संयोग गोपालगंज : भगवान शिव का प्रिय मास सावन में 50 साल के बाद विशेष संयोग बन रहा है. खास बात यह कि वैधृति योग के साथ सावन शुरू हो रहा है और आयुष्मान योग के साथ इस मास की समाप्ति होगी. सोमवार, सावन मास, वैधृति योग व […]

सावन माह में 50 साल बाद शुभ संयोग

गोपालगंज : भगवान शिव का प्रिय मास सावन में 50 साल के बाद विशेष संयोग बन रहा है. खास बात यह कि वैधृति योग के साथ सावन शुरू हो रहा है और आयुष्मान योग के साथ इस मास की समाप्ति होगी. सोमवार, सावन मास, वैधृति योग व आयुष्मान योग सभी के मालिक स्वत: शिव ही हैं. इसलिए इस बार का सावन खास है. सोमवार के दिन महादेव की आराधना से शिव और शक्ति दोनों प्रसन्न होते हैं. इनकी कृपा से दैविक, दैहिक और भौतिक कष्टों से मुक्ति मिलती है. निर्धन को धन और नि:संतान को संतान की प्राप्ति होती है. कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है. बाबा भोले की पूजा से भाग्य पलट सकता है.
पूजन विधि : डॉ विजय ओझा के मुताबिक गंजा जल, दूध, शहद, घी, शर्करा व पंचामृत से बाबा भोले का अभिषेक कर वस्त्र, यज्ञोपवीत, श्वेत और रक्त चंदन भस्म, श्वेत मदार, कनेर, बेला, गुलाब पुष्प, बिल्वपत्र, धतुरा, बेल फल, भाग आदि चढ़ायें. उसके बाद घी का दीप उत्तर दिशा में जलाएं. पूजा करने के बाद आरती कर क्षमार्चन करें.
सुख-एेश्वर्य के लिए करें भगवान शंकर की आराधना : पं अमित शास्त्री ने बताया कि इस संयोग में भगवान शंकर की आराधना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. सावन में ज्यादातर चार सोमवार होते हैं, लेकिन इस बार पांच सोमवार का होना शुभ संकेत है. भगवान शंकर का दूध, घी, दही, शहद, शक्कर, गंगाजल, गुलाबजल, सुगंधित इत्र, गन्ने के रस से अभिषेक करना चाहिए. इसके बाद लाल, पीला और सफेद रंग के वस्त्र चढ़ाएं. जनेऊ, कलावा भी चढ़ाया जाता है. तिलक के लिए चंदन का त्रिकुंड व चावल लगाएं. सभी प्रकार के पुष्प चढ़ाएं. विल्वपत्र, दुर्वा, तुलसी, धतूरा, अकुआ, चिरचिटा सहित कम-से-कम पांच फल चढ़ाएं. इसमें बेलफल अवश्य होना चाहिए. भगवान को हलवा, पेड़ा, लड्डू या पंचमेवे का भोग लगा कर श्रद्धा व समर्पण भाव से आरती की जानी चाहिए.
डाकबाबू के मंदिर पर शुरू हुआ शिवयाम
सावन के पहले दिन यानी सोमवार से भड़कुईयां के प्रसिद्ध डाकबाबू के मंदिर पर अखंड शिवयाम का कार्यक्रम शुरू हुआ़ पुजारी नंदकिशोर तिवारी ने बताया की पूरे सावन मंदिर पर रोज कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं, जिसकी शुरुआत शिवयाम से की गयी है़

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