मानपुर. मानपुर क्षेत्र स्थित ग्राम निर्माण मंडल आश्रम में मंगलवार को एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य प्रजनन स्वास्थ्य, सुरक्षित गर्भ समापन और संबंधित कानूनी प्रावधानों पर आम जनता के बीच जागरूकता फैलाना था. यह कार्यक्रम सांझा प्रयास नेटवर्क के अंतर्गत आइपास एलायंस केन्या, औलिया अध्यात्मिक अनुसंधान केंद्र औलिया दरबार और समता ग्राम सेवा संस्थान के संयुक्त प्रयास से आयोजित किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत समता ग्राम सेवा संस्थान के सचिव रघुपति सिंह ने की. उन्होंने बताया कि सांझा प्रयास नेटवर्क बिहार और उत्तर प्रदेश के 10-10 जिलों में सक्रिय है और स्थानीय गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य अधिकार, परिवार नियोजन तथा सुरक्षित गर्भ समापन जैसे विषयों पर कार्य कर रहा है. औलिया अध्यात्मिक अनुसंधान केंद्र के रिसर्च एवं प्रशिक्षण पदाधिकारी परिमल चंद्रा ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी (एमटीपी) एक्ट 1971 और उसके 2021 में संशोधित संस्करण की विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि विशेष परिस्थितियों में अब 24 सप्ताह तक के गर्भ को कानूनी रूप से समाप्त किया जा सकता है. भ्रूण में गंभीर विकृति की स्थिति में गर्भावस्था के किसी भी चरण में गर्भ समापन की अनुमति है. गर्भनिरोधक विफलता की स्थिति में अविवाहित महिलाएं भी कानूनी रूप से गर्भपात सेवाओं का लाभ उठा सकती हैं. 20 सप्ताह तक एक पंजीकृत मेडिकल प्रैक्टिशनर की सलाह पर्याप्त है, जबकि 20 से 24 सप्ताह के बीच दो आरएमपी की राय आवश्यक होती है. ग्राम निर्माण मंडल के कोषाध्यक्ष दिलीप कुमार मंडल और कार्यशाला संचालक ऋषभ सिंह ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए आग्रह किया कि वे अपने कार्यक्षेत्रों में महिलाओं को असुरक्षित गर्भपात से होने वाले खतरों के बारे में जागरूक करें. कार्यशाला में विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार साझा किये और इस प्रकार की पहल को समाज के लिए उपयोगी और समयानुकूल बताया. कार्यशाला का समापन ऋषभ सिंह के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ.
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