गुरुआ. प्रखंड क्षेत्र के काज गांव के 55 वर्षीय मजदूर सुरेश यादव लंबे समय से टीबी रोग से पीड़ित थे. उनका इलाज मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में चल रहा था, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी. सोमवार को उनका शव गांव पहुंचा, लेकिन परिवार आर्थिक और मानसिक रूप से अंतिम संस्कार करने में असमर्थ था. स्थानीय लोगों ने पंचायत के प्रबुद्ध सदस्यों को इस स्थिति की जानकारी दी, लेकिन किसी ने मदद नहीं की. वहीं, गांव के कुछ ग्रामीणों ने आपसी चंदा जुटाकर मजदूर सुरेश यादव का अंतिम संस्कार किया. इस घटना से पता चलता है कि गरीबी और पंचायत की उदासीनता के बावजूद ग्रामीणों ने मानवता का परिचय दिया. परिवार का कहना है कि बिहार सरकार गरीब परिवारों के लिए कबीर अंत्येष्टि योजना चला रही है, लेकिन उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिला. सुरेश यादव के निधन से परिवार में मातम का माहौल है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

