बोधगया. महाबोधि चैरिटेबल ट्रस्ट के वरिष्ठ भिक्षु भदंत हर्षबोधि व भिक्षु प्रियपाल ने महाबोधि मंदिर प्रबंधकारिणी समिति पर गंभीर आरोप लगाते हुए पटना हाइकोर्ट में केस दर्ज करवाया है. इस संबंध में शुक्रवार को उन्होंने प्रेसवार्ता आयोजित कर कहा कि वर्ष 2024 में बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर हजारों बौद्ध भिक्षु एवं बुद्ध के अनुयायी बोधगया आते हैं. उनके स्वागत के लिए महाबोधि मंदिर के पास प्रतिवर्ष की तरह स्वागत द्वार बनाया गया था, जिसे बीटीएमसी ने बिना कारण तोड़ दिया. इससे उनकी भावना काफी आहत हुई. इस संबंध में उन्होंने लीगल नोटिस भी भेजा, जिसका कोई जवाब नहीं मिला. उन्होंने आहत होकर पटना हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और सीडब्ल्यूजेसी नंबर 2350/2025 के तहत वाद को हाइकोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है. उन्होंने कहा कि 12 फरवरी से बोधगया में आकाश लामा के नेतृत्व में महाबोधि मंदिर मुक्ति का आंदोलन चलाया जा रहा है, जो भिक्षु भावना के विपरीत है. इसमें वैसे लोग भी शामिल हैं जो पिछले आंदोलन के बाद भंते प्रज्ञाशील सहित अन्य लोग बीटीएमसी के सदस्य और सचिव बन गये व और जिस समय इन्हें पद मिला, उस समय इन्होंने बीटीएमसी एक्ट 1949 का कोई विरोध नहीं किया. लेकिन, आज कुछ कथित लोगों के साथ मिलकर आंदोलन कर रहे हैं. इन्होंने कहा कि आंदोलन करनेवाले लोग धन उगाही में लगे हैं. साथ ही, अभद्र भाषा का प्रयोग कर स्थानीय लोगों की भावनाओं को आहत करने का काम कर रहे हैं. कुछ स्थानीय लोग भी इन बौद्धों को संरक्षण दे रहे हैं. भदंत हर्ष बोधि ने कहा कि दो अप्रैल को बोधगया में बौद्ध श्रद्धालु एकत्र होकर बीटीएमसी एक्ट में संशोधन के लिए विचार -विमर्श करेंगे.
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