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रैन बसेरे में व्यवस्था मुकम्मल, पर खानाबदोश इसमें सोने को तैयार नहीं

नगर निगम की ओर से शहर में छह जगहों पर चलाया जा रहा रैन बसेरा

नगर निगम की ओर से शहर में छह जगहों पर चलाया जा रहा रैन बसेरा

फोटो- गया- 02- रैन बसेरा के बाहर मच्छरदानी लगाकर सोते खानाबदोश परिवारवरीय संवाददाता, गया जी

नगर निगम की ओर से शहर में छह जगहों पर रैन बसेरा चलाया जा रहा है. इसमें निगम की तरफ से 110 बेड खानाबदोश लोगों को रहने के लिए लगाया गया है. 24 घंटे सभी जगहों पर कर्मचारियों को लगाया गया है. गांधी मैदान पर हर दिन दृश्य देख कर सभी आश्चर्य चकित रहते हैं. गांधी मैदान के सामने बने रैनबसेरे में जगह होने के बाद भी बाहर में कुछ खानाबदोश परिवार बाहर में गेट के पास ही सोता है. जबकि, निगम की ओर से खानाबदोश को रात गुजारने के लिए रैन बसेरा में बेहतर व्यवस्था किया गया है. हालांकि, रैन बसेरे में कुछ लोग जरूर रात गुजारने के लिए पहुंचते हैं. रैन बसेरा की देखरेख के लिए तैनात कर्मचारी ने बताया कि इन परिवारों को कई बार अंदर में सोने के लिए कहा गया. लेकिन, ये तैयार ही नहीं होते हैं. रैन बसेरा के बाहर गेट पर ही मच्छरदानी लगाकर कई परिवार सोते हैं. ऐसे में रैन बसेरा कर्मचारी को बार-बार बाहर आकर इन्हें देखना पड़ता है. ताकि, किसी तरह की कोई बात नहीं हो जाये.

अंदर सोने पर समाज से निकाल देने का प्रचलन

दुनिया आज अत्याधुनिक संसाधन व कुरीतियों को त्याग कर जीना सीख रहा है. वहीं अब भी लोग कबीला की प्रथा को छोड़ने के लिए कोई पहल नहीं कर रहे हैं. यहां खानाबदोश के बारे में रैन बसेरा के एक कर्मचारी ने बताया कि इन लोगों का साफ कहना है कि अंदर सोने की इजाजत इनका समाज नहीं देता है. इन्हें खानाबदोश जिंदगी ही जीना है. अंदर सोने पर इनको समाज से अलग कर दिया जायेगा. इसकी हामी खानाबदोश तरीके से रहनेवाले एक परिवार के सदस्य ने भी भरा. हालांकि, प्रभात खबर इन कुरीतियों का साफ तौर से विरोध करती है. सामान्य जीवन जीने का हक सभी को है.

क्या कहते हैं सिटी मिशन मैनेजर

सिटी मिशन मैनेजर शाहिल राज ने बताया कि निगम की ओर से इनकी व्यवस्था बैरागी स्थित रैन बसेरा में किया जा सकता है. इसके लिए पहल भी की गयी है. लेकिन, इन्हें रैन बसेरा में सोने की लिए कहने मना कर देते हैं और जोर देने पर गाली-ग्लौज तक करने पर उतारू हो जाते हैं. ये लोग अंदर रहने को तैयार होते हैं, तो परिवार बड़ा होने के चलते इनका इंतजाम बैरागी स्थित 50 बेड के रैन बसेरा में किया जा सकता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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