एक साथ छह बॉक्सन रैक को जोड़कर बनी 354 वैगन वाली मालगाड़ी
सात इंजनों से दौड़ेगी मालगाड़ी
संवाददाता, गया जी.
माल ढुलाई की क्षमता और काम की कुशलता बढ़ाने की दिशा में पूर्व मध्य रेल के पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल (डीडीयू मंडल) ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है. सात अगस्त को डीडीयू मंडल के गंजख्वाजा स्टेशन से पूरे भारतीय रेल में पहली बार छह खाली बॉक्सन रैक को जोड़कर बनायी गयी रूद्रास्त्र नाम की लंबी मालगाड़ी को सफलतापूर्वक चलाया गया. यह मालगाड़ी करीब 4.5 किलोमीटर लंबी रही, जो अब तक भारतीय रेल की सबसे लंबी मालगाड़ी है. रूद्रास्त्र को छह खाली बॉक्सन रैक को जोड़कर तैयार किया गया है. इसमें कुल 354 वैगन शामिल हैं. इस मालगाड़ी को चलाने के लिए सात इंजन लगाये गये है. गंजख्वाजा स्टेशन से सभी छह रैक को जोड़कर बनी रूद्रास्त्र मालगाड़ी को दोपहर 2:20 बजे गढ़वा रोड के लिए रवाना किया गया. यह मालगाड़ी डीडीयू मंडल के गंजख्वाजा से सोननगर तक डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर और उसके बाद गढ़वा रोड की ओर भारतीय रेल के सामान्य ट्रैक पर चली. पूर्व मध्य रेल का डीडीयू मंडल भारतीय रेल के सबसे अहम मंडलों में से एक है, जो धनबाद मंडल को कोयला और अन्य सामान लादने के लिए लगातार समय से खाली मालगाड़ी पहुंचाने में अहम भूमिका निभाता है. यहां मालगाड़ियों के डिब्बों की जांच और मरम्मत बड़े पैमाने पर की जाती है. जांच के बाद पूरी तरह ठीक डिब्बों को जोड़कर मालगाड़ी तैयार की जाती है, जिसे आगे धनबाद मंडल को भेजा जाता है.रूद्रास्त्र का सफल संचालन
मालगाड़ी के परिचालन से माल ढुलाई की रफ्तार और क्षमता दोनों बढ़ेगी. अगर, इन मालगाड़ियों को अलग-अलग चलाया जाता, तो इन सभी के लिए छह बार अलग-अलग मार्ग और चालक दल की व्यवस्था करनी पड़ती. रूद्रास्त्र के रूप में एक साथ चलने से उल्लेखनीय रूप से समय की बचत होगी और मार्ग भी उपलब्ध होगा. 4.5 किलोमीटर लंबी रूद्रास्त्र मालगाड़ी का सफल संचालन डीडीयू मंडल की नयी सोच और नवाचार की शानदार मिसाल है.
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