गया़ बिना पैसा के यहां बच्चे का मुंह तक कर्मचारी देखने नहीं देते. इस तरह प्राइवेट अस्पताल में भी नहीं होता है. किसी के पास पैसा नहीं रहने पर बहुत ही परेशान किया जाता है. उक्त बातें मगध मेडिकल अस्पताल के एमसीएच बिल्डिंग स्थित गाइनी वार्ड में भर्ती मरीज के परिजन ने गुरुवार को कही. परिजनों ने कहा कि दो हजार रुपये से कम नहीं मांगा जाता है. किसी तरह मान-मनौव्वल के बाद कुछ पैसा कम किया जाता है. किसी तरह इंतजाम कर यहां कर्मचारी को पैसा देना ही पड़ता है. साेमवार को पंचायती अखाड़ा से परिजन लाकर सुमन कुमारी को यहां भर्ती कराया. रात करीब 8:45 में बच्चा हुआ. परिजनों ने बताया कि बच्चा होने पर तुरंत ही कर्मचारी पहुंच गये. बच्चे का मुंह दिखाने के नाम पर 2000 रुपये की मांग की. किसी तरह 1000 रुपये में बात बन गयी. बाकी पैसा बाद में लेने की बात कर्मचारी कर रहे हैं. एक परिजन ने बताया कि यहां बच्चे का मुंह दिखाने का पैसा देने के बाद मरीज को बेड पर पहुंचाने व बच्चे को दूध पिलाने के नाम पर पैसे लिये जाते हैं. हालांकि, अस्पताल प्रशासन की ओर से जगह-जगह पोस्टर लगाकर पैसा नहीं देने की चेतावनी लिखी गयी है. मोबाइल नंबर भी शिकायत के लिए जारी किया गया है. इतना ही नहीं बच्चा देते वक्त परिजन से पैसा लेने के बाद एक रजिस्टर पर बिना पैसा के बच्चा पाने के प्रमाण के तौर पर दस्तखत भी कराया जाता है. इनसे भी लिये गये पैसे एमसीएच में इलाजरत सुषमा कुमारी से 800, आरती कुमारी से 800, मधु कुमारी से 500, शिल्पी कुमारी से 1000, नवीनता देवी से 700, किरण कुमारी से 1200, सपना कुमारी से 1100, खुशबू कुमारी से 800, पूनम कुमारी से 1200 रुपये कर्मचारियों ने बच्चे का मुंह दिखाने के नाम पर लिये हैं. उक्त बातें परिजन ने खुले तौर पर बतायी. इतना ही नहीं पैसा लेने वाले कर्मी साफ तौर पर कहा कि किसी जगह शिकायत करने पर उनके ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. हेल्थ मैनेजर को लगाम लगाने का दिया जा रहा निर्देश एमसीएच के हेल्थ मैनेजर को पैसा लेने पर लगाम लगाने का निर्देश दिया गया है. इस तरह की बात को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. पहले भी इस मामले में कार्रवाई की जा चुकी है. परिजन को भी सतर्क रहना चाहिए, ताकि इस तरह के कृत्य पर रोक लगायी जा सके. डॉ एनके पासवान, उपाधीक्षक, एएनएमएमसीएच
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