संवाददाता, गया जी. पति की लंबी उम्र के लिए मनाया जाने वाला करवा चौथ व्रत 10 अक्तूबर को है. पौराणिक परंपरा के तहत इस व्रत में चंद्रमा को अर्घ देने का विधान है. सुहागिन महिलाएं अपने अखंड सौभाग्य की कामना के साथ स्वामी कार्तिकेय सहित शिव-पार्वती की पूजा करती हैं. चंद्रमा को अर्घ देकर मिष्ठान ग्रहण करती हैं. इतिहास बताता है कि पांडवों के वनवास काल में श्रीकृष्ण के निर्देश पर इस व्रत को सर्वप्रथम द्रोपदी ने किया था. करवा चौथ व्रत उसी समय से प्रचलित है. इधर, करवा चौथ व्रत में उपयोग में आने वाली पूजन सामग्री की खरीदारी को लेकर गुरुवार को भी बाजार में पूरे दिन चहल-पहल बढ़ी रही. सुहागिन महिलाओं व उनके परिजनों ने करवा चौथ व्रत से जुड़ी पूजन सामग्री की अपनी आर्थिक क्षमता व जरूरत के अनुसार खुले मन से खरीदारी की.
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